एक दिन पहले ही बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) सुप्रीमो मायावती ने कहा था कि समाजवादी पार्टी की यह लाचारी है कि वह उत्तर प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनाव छोटी पार्टियों के साथ मिलकर लड़ेगी. समाजवादी पार्टी ऐसा इसलिए करने पर मजबूर हैं क्योंकि देश की अधिकतर बड़ी व प्रमुख पार्टियां चुनाव में इनसे किनारा करना ही ज़्यादा बेहतर समझती हैं.
मायावती ने ट्वीट में लिखा था, ‘समाजवादी पार्टी की घोर स्वार्थी, संकीर्ण व खासकर दलित विरोधी सोच और कार्यशैली आदि के कड़वे अनुभवों और इसके भुक्तभोगी होने के कारण देश की अधिकतर बड़ी व प्रमुख पार्टियां चुनाव में इनसे किनारा करना ही ज्यादा बेहतर समझती हैं, जो सर्वविदित है.’