आप सभी ने बचपन में सौरमंडल और वहां मौजूद ग्रह के बारे में तो जरूर पढ़ा और सुना होगा. इन सभी ग्रहों की अपनी-अपनी खासियत है. वर्तमान में हमारे सौरमंडल में कुल मिलाकर 8 ग्रह हैं जिन्हें बुध, शुक्र, मंगल, बृहस्पति, शनि, वरुण, अरुण और पृथ्वी हैं, कुछ समय पहले तक 1 और ग्रह इस सौरमंडल में शामिल था जिसे प्लूटो ग्रह के नाम से जाना जाता हैं.
वैज्ञानिकों ने साल 2006 से पहले इसे सौरमंडल के सभी ग्रहों में से सबसे छोटा ग्रह होने का दर्जा प्राप्त था, लेकिन 2006 के बाद इसे इस सूची से हटा दिया गया और इसे बौने ग्रहों की सूची में डाल दिया गया. इसे हिंदी में यम ग्रह भी कहते हैं। इसलिए हमारे यहां इसे यमराज का घर (हिन्दू माइथोलॉजी में मृत्यु) भी कहते हैं.
इस ग्रह का नाम ऑक्सफॉर्ड स्कूल ऑफ लंदन में पढ़ने वाली एक 11वीं कक्षा की छात्रा वेनेशिया बर्ने ने रखा था. बच्ची का कहना था कि रोम में अंधेरे के देवता को प्लूटो कहा जाता है और इस ग्रह पर भी लगभग हमेशा अंधेरा ही रहता है, इसलिए इसका नाम प्लूटो रखा जाए.
इस ग्रह को सूर्य की परिक्रमा करने में 248 साल का वक्त लगता हैं, पृथ्वी के मुकाबले इस ग्रह में 1 दिन 6.4 दिन के बराबर होता हैं, पृथ्वी के 24 घंटे यहां के 153 घंटो के बराबर होते हैं. ये ग्रह काफी दूर हैं इसी वजह से सूर्य ग्रह की रोशनी इस ग्रह तक पहुंचने में 5 घंटे का समय लग जाता हैं.
इस ग्रह पर तापमान बहुत ही कम हैं जिस वजह से यहां जीवन बिल्कुल भी संभव नहीं हैं, यहां का तापमान माइनस 233 डिग्री से लेकर माइनस 223 डिग्री हैं. इस ग्रह पर बर्फ भी मौजूद हैं और पानी भी वो भी पृथ्वी पर मौजूद तीनो महासागरों से तीन गुना अधिक है.