राज्यपाल आनन्दी बेन पटेल पहले भी नई शिक्षा नीति की सराहना कर चुकी है। कोरोना संकट के दौरान वह ऑनलाइन शिक्षा को भी प्रोत्साहन देती रही है। इसमें उन्होंने नए शोध व सुधार का आह्वान भी किया था। उन्होंने कहा कि इस नीति में आनलाइन शिक्षा, डिजिटल शिक्षा,शिक्षा में प्रौद्योगिकी, भारतीय भाषाओं को बढ़ावा, शिक्षा के अंतर्राष्ट्रीयकरण, व्यावसायिक शिक्षा,प्रौढ़ शिक्षा और वित्तपोषण शिक्षा इन सभी पर जोर दिया गया है। इसके अलावा राज्यपाल शिक्षण संस्थाओं में ढांचागत सुविधा पर ध्यान देती रही है।
कुछ समय पहले उन्होंने लखनऊ विश्वविद्यालय में ऐसी ही सुविधा का ऑनलाइन लोकार्पण किया था। एक बार फिर उन्होंने राजभवन से लखनऊ विश्वविद्यालय के शताब्दी वर्ष के अवसर पर विश्वविद्यालय के स्लेट, कम्यूनिकेशन, रिक्रूटमेंट, आटोमेशन ऑफ सेलरी सिस्टम,काउंसिलिंग एवं अनलाॅक पोर्टल सहित अभियांत्रिकी संकाय में स्थापित कम्प्यूटर सेन्टर का ऑनलाइन उद्घाटन किया। साथ ही उच्च शिक्षा पर सार्थक विचार प्रस्तुत किये। व्यापक विचार विमर्श के बाद देश की नई शिक्षा नीति लागू की गई है। इसमें ज्ञान व कौशल विकास,अनुसन्धान आदि का समावेश है। यह शिक्षा नीति भारत को पुनः गौरवशाली बनाएगी। इससे आत्मनिर्भर भारत अभियान को भी बल मिलेगा।
इसी क्रम में आनंदीबेन पटेल ने कहा कि प्रधानमंत्री के विजन के दृष्टिगत उच्च शिक्षा प्रणाली मुख्य रूप से अनुसंधान और उद्योग आधारित कौशल सशक्तिकरण पर केन्द्रित है। इसके माध्यम से युवाओं को अनेक अवसर मिलेंगे। क्षमता के अनुसार प्रशिक्षण व रोजगार उपलब्ध हो सकेंगे। कौशल विकास के माध्यम से विद्यार्थी स्वयं का उद्यम प्रारम्भ कर सकेंगे। इससे औद्योगीकरण को बढ़ावा मिलेगा। युवाओं को स्टार्टअप इंडिया में अवसर मिलेगा। इसमें भी वह अपने कौशल का समुचित उपयोग कर सकेंगे। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश देश का सबसे बड़ा मैन्युफैक्चरिंग हब बनने जा रहा है। जिसका पूरे समाज में एक परिवर्तनकारी प्रभाव पड़ेगा। नई शिक्षा नीति में प्रत्येक विद्यार्थी में रचनात्मक सोच, तार्किक निर्णय और नवाचार की भावना को प्रोत्साहित कर उनमें निहित अद्वितीय क्षमताओं को सामने लाना है। इसके साथ ही इसमें वंचित समूहों की समान सहभागिता एवं महिलाओं की गुणवत्तापूर्ण शिक्षा पर विशेष ध्यान दिया गया है।
राज्यपाल के कहा कि उच्च गुणवत्ता और व्यापक शिक्षा तक सबकी पहुंच सुनिश्चित करना विश्वविद्यालयों की जिम्मेदारी है। वैश्विक मंचों पर आर्थिक विकास, सामाजिक विकास, समानता और पर्यावरण की देखरेख, वैज्ञानिक उन्नति और सांस्कृतिक संरक्षण के नेतृत्व का समर्थन करना होगा। उच्चतर शिक्षा प्रणाली में शिक्षण से विद्यार्थियों में अन्वेषण, समाधान, तार्किकता और रचनात्मकता विकसित करनी चाहिए। नई शिक्षा नीति विद्यार्थियों में चरित्र,नैतिकता,करूणा और संवेदनशीलता, राष्ट्र गौरव के साथ संस्कार विकसित करेगी। कार्यक्रम में लखनऊ विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. आलोक कुमार राय,रजिस्ट्रार डा. विनोद कुमार सिंह आदि ऑनलाइन सहभागी हुए।