लखनऊ- राजधानी मे तथाकथित पत्रकारो व डॉक्टरों की बाढ़ सी आ गयी है । अक्सर दोनों के कारनामे सुनने को मिलता है जो पत्रकारिता व डॉक्टर विधा पर कलंक लगाते है । ऐसे मे अगर दोनो एक साथ मिल जाए तो स्थिति का अनुमान लगाया जा सकता है । ऐसा ही एक मामला राजधानी मे देखने को मिला जहाँ एक तथाकथित पत्रकार के सरंक्षण मे एक कंपाउंडर डॉक्टर का चोला ओढ़ कर आलीशान अस्पताल चला रहा है । हालांकि संचालक एस एन यादव खुद को नेचुरोपैथी से डिप्लोमा होल्डर बताता है जबकि सूत्र इसके शैक्षिक योग्यता पर सवाल खड़े करते है । यह सब राजधानी के एक रिहायसी इलाके मे धड़ल्ले से चल रहा है । तथाकथित पत्रकार व डॉक्टर रोजाना दर्जनो मरीजो के जीवन के साथ खिलवाड़ कर रहे है । ऐसे मे सबसे बड़ी बात यह है की क्या इनदोनों के ऊपर किसी बड़े आका का हाथ है ? वही तथाकथित पत्रकार अपने आप को लखनऊ सीएमओ को अपना करीबी बताते हुये रौब गाँठता है । अब देखने की बात यह है की लखनऊ सीएमओ इनदोनों के ऊपर क्या कार्यवाही करते है ।
जानकारी अनुसार , आशियाना थानाक्षेत्र के एलडीए कॉलोनी सेक्टर एम 1 स्थित पराग अस्पताल मानको को ताख पर रख कर संचालित हो रहा है । अस्पताल के संचालक एस एन यादव बंथरा के लखनऊ हॉस्पिटल मे कंपाउंडर के रूप मे कार्यरत है । एस एन यादव दिन भर लखनऊ सर्जिकल हॉस्पिटल मे कंपाउंडर के रूप मे काम करता है व शाम 7 बजे के बाद अपने अस्पताल मे डॉक्टर बनकर मरीज़ो का इलाज़ करता है । हालांकि आरोपी संचालक शहर के बड़े-बड़े डॉक्टरों को अपने अस्पताल से संबद्ध होने की बात कहता है । इसके सारे गैर कानूनी कृत्यो को साथी तथाकथित पत्रकार शैलेश बाजपेयी बढ़ावा देता है ।
तथाकथित पत्रकार खुद को बताता है अस्पताल का मैनेजर
एक तरफ जहाँ पत्रकार दिन रात एक कर खबरों का संकलन करते है वही दूसरी तरफ यह पत्रकार अपने आप को पराग अस्पताल का मैनेजर बताता है ।मैनेजर की पोस्ट के साथ तथाकथित पत्रकार शैलेश बाजपेयी को खुद राजधानी की आवाज़ नामक दैनिक अखबार का वरिष्ठ संवाददाता बताता है । यह वाकई दुर्भाग्यपूर्ण है की एक मैनेजर अपनी गैर कानूनी व्यवसायो को छुपाने के लिए पत्रकारिता का चोला ओढ़े हुए है । हालांकि इन दोनों इन पृष्ठभूमि के बारे मे पड़ताल जारी है ।