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सूडान के खूनी संघर्ष में अब तक 400 की मौत, जानिए हैरान कर देंने वाली पूरी खबर

सूडान (Sudan) के अराजकता में डूबने के निकटवर्ती और दूरगामी भू-राजनीतिक परिणाम देखने को मिलेंगे। इसमें अमेरिकी रणनीतिक लक्ष्य भी शामिल हैं। ऐसे में सूडान में अंतरराष्ट्रीय समुदाय की ओर से मध्यस्थता के लिए किए गए प्रयास ना केवल रक्तपात को रोकने की इच्छा हो सकते हैं, बल्कि की यह विश्व राजनीति पर युद्ध के असर को सीमित करने की चाहत भी हो सकते हैं।

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सूडान Sudan

हिंसा और अराजकता के बीच सूडान से राजनयिकों के भागने का मंजर स्थिति की गंभीरता को दर्शाता है, लेकिन ये दृश्य संघर्षग्रस्त राष्ट्र में अंतरराष्ट्रीय हित की सीमा को भी दर्शाते हैं। सूडान में बीते कुछ दिनों से जारी हिंसा में अब तक करीब 400 लोगों की मौत हो चुकी है। पश्चिम एशिया, यूरोप, एशियाई देशों के अलावा अमेरिका अपने शिक्षकों, छात्रों और दूतावास के कर्मचारियों के अलावा अन्य नागरिकों को राजधानी खार्तूम समेत वहां के अन्य हिस्सों से निकालने के काम में जुटे हुए हैं।

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जनरल अब्दुल-फतह बुरहान के नेतृत्व में सूडान की सेना और जनरल मोहम्मद हमदान डागलो के नेतृत्व में ‘रैपिड सपोर्ट फोर्स’के बीच सत्ता संघर्ष के चलते विदेशी नागरिकों की वहां से निकासी जारी है। दोनों समूह पहले संयुक्त रूप से सरकार चला रहे थे, लेकिन अब वे सत्ता के लिए एक-दूसरे से संघर्ष कर रहे हैं। सूडान में दोनों समूहों के बीच 25 अप्रैल, 2023 को सऊदी अरब और अमेरिका ने तीन दिवसीय युद्धविराम की मध्यस्थता की थी।

छिटपुट लड़ाई के बावजूद, उस युद्धविराम को बाद में बढ़ा दिया गया। सूडान में अंतरराष्ट्रीय समुदाय की ओर से मध्यस्थता के लिए किए गए प्रयास न केवल रक्तपात को रोकने की इच्छा का संकेत देते हैं, बल्कि विश्व राजनीति पर युद्ध के असर को सीमित करने की इच्छा भी हो सकती है। सूडान का क्षेत्रीय, आर्थिक और सामरिक महत्व उसकी भौगोलिक स्थिति पर निर्भर करता है।

बेशक, प्रवासी कर्मचारी सभी देशों में रहते हैं। लेकिन सूडान को लेकर इस तथ्य को नजरअंदाज करना मुश्किल है कि हर कोई सूडान का एक हिस्सा चाहता है। सूडान में 2019 में हुए तख्तापलट ने उमर अल-बशीर की क्रूर तानाशाही को समाप्त कर दिया था। इसके बावजूद बाद के वर्षों में देश में लोकतंत्र का मार्ग प्रशस्त नहीं हुआ। इसके बजाय, ऐसी स्थिति बनी की कई देशों ने सूडान में सत्ता के संक्रमण, सूडान के सामरिक महत्व और वहां की खनिज संपदा को भुनाने की कोशिश शुरू कर दी।

 

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