लखनऊ विश्वविद्यालय के जेंडर सेंसिटाइजेशन सेल ने 1 फरवरी (आज) को यूनिवर्सिटी कैंपस के चंद्रशेखर आजाद लॉन में ‘रूहानी’ ऑल गर्ल्स बैंड और प्रमुख सांस्कृतिक कार्यकर्ता और थिएटर कलाकार महेंद्र पाल के साथ ‘SPACES’ नाम की श्रृंखला में अपना तीसरा कार्यक्रम आयोजित किया। लैंगिक समानता और महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने वाले गीत जैसे बादल पे पाव हैं, दिल है छोटा सा, आशाएं, ओ री चिरैया, गाना गए। प्रकोष्ठ ने प्रख्यात नारीवादी लेखिका कमला भसीन के गीतों जैसे तोड़ तोड़ के बंधन, इरादा कर बुलंद… का जश्न मनाया। छात्रों ने लैंगिक समानता को बढ़ावा देने के लिए कविता पाठ किया। कार्यक्रम में 75 से अधिक छात्रों ने भाग लिया।
जी20 थीम पर फैकल्टी ऑफ योग एंड अल्टरनेटिव मेडिसिन के तत्वाधान में योग ध्यान शिविर आयोजित
विश्वविद्यालय के छात्रों के बीच कैंटीन, लॉन, हॉस्टल जैसे अपने स्वयं के स्थानों में लिंग आधारित हिंसा, उत्पीड़न और लैंगिक समानता की चर्चा शुरू करने के लिए ‘SPACE’ नाम का कार्यक्रम शुरू किया था। इस प्रकोष्ठ का गठन कुलपति प्रोफ आलोक कुमार राय ने 2020 में किया था और तब से ये प्रकोष्ट समय समय पर विभिन्न कार्यकमों द्वारा छात्र छात्रओं को लिंग समानता से जुड़े विषयों से अवगत कराता आया है।
युवाओं के सर्वांगीण विकास और महिला सशक्तिकरण के दृष्टिगत मार्शल आर्ट शिविर का आयोजन
प्रदर्शन के बाद जेंडर सेंसिटाइजेशन सेल टीम, परफॉर्मर्स और दर्शकों के बीच जेंडर आधारित हिंसा के व्यक्तिगत अनुभवों पर चर्चा हुई। दर्शकों ने लिंग, सेक्सुअलिटी, सेक्सिज्म की परिभाषाओं के बारे में अपनी शंकाओं को भी साझा किया। प्रकोष्ठ की कन्वीनर अर्थशास्त्र विभाग की प्रो रोली मिश्रा और उनकी टीम में डॉ प्रशांत ने दर्शकों के सवालों का जवाब दिया और सभी को अपने आसपास किसी भी प्रकार के अन्याय के खिलाफ बोलने के लिए प्रोत्साहित किया।