लखनऊ। राष्ट्रीय मीडिया महासंघ (एनएमसी) की जिला इकाई के आह्वान पर मंगलवार को कलेक्ट्रेट में पत्रकार एवं पत्रकार हित में पत्रकारों ने आवाज बुलंद करते हुए जिलाधिकारी के माध्यम से राज्यपाल के नाम छः सूत्रीय ज्ञापन सौंपा गया। इस ज्ञापन कार्यक्रम में एनएमसी के साथ अन्य स्थानीय पत्रकार भी सड़कों पर उतर कर पत्रकारिता जगत के न्याय हेतु शामिल हुए।
बताते चलें कि बीते दिनों हाथरस काण्ड में समाचार कवरेज के दौरान स्थानीय प्रशासन द्वारा मीडिया कर्मियों खासकर महिला मीडिया कर्मियों के साथ किये गए अभद्रता पर शीर्ष पत्रकार संगठन राष्ट्रीय मीडिया महासंघ (एनएमसी) एवं सहयोगी संस्थान साइबर जर्नलिस्ट्स एसोसिएशन (सीजेए) के शीर्ष नेतृत्व के आह्वान पर उत्तर प्रदेश इकाई द्वारा लगातार प्रदर्शन कर ज्ञापन दिया जा रहा है जिसके क्रम में मंगलवार को राष्ट्रीय मीडिया महासंघ (एनएमसी) की फतेहपुर जिला इकाई ने कलेक्ट्रेट में प्रदर्शन कर ज्ञापन सौंपा है। इस ज्ञापन कार्यक्रम में राष्ट्रीय मीडिया महासंघ (एनएमसी) के प्रदेश अध्यक्ष इश्तियाक अहमद बतौर मुख्यातिथि उपस्थित रहें, वहीं विशिष्ट अतिथि के रूप में संगठन के जिला संरक्षक नफीस अहमद उर्फ मुन्ना राईन उपस्थित रहें। कार्यक्रम की अध्यक्षता एनएमसी जिलाध्यक्ष सरवरे आलम ने की जबकि कार्यक्रम प्रभारी के रूप में कौशाम्बी एनएमसी के जिलाध्यक्ष दिनेश कुमार उपस्थित हुए।
संगठन द्वारा राज्यपाल को भेजे गए छः सूत्रीय ज्ञापन के माध्यम से मांग की गई कि विभिन्न प्रदेश में लागू पत्रकार सुरक्षा कानून एवं पत्रकार पेंशन को उत्तर प्रदेश में भी लागू किया जाए साथ ही कोरोना काल में जिस प्रकार से सरकारी तंत्र से जुड़े फ्रंटलाइन वर्कर्स को सरकार ने कोरोना वारियर (कोरोना योद्धा) का खिताब देकर सम्मान दिया है वैसे ही मीडिया को भी शामिल कराया जाए व उक्त कर्मचारियों को कोरोना के दौरान मिलने वाली सुविधाओं से मीडिया कर्मियों को भी लाभान्वित किया जाए। इतना ही नहीं मांग पत्र में लिखा गया है कि समूचे प्रदेश में जिला/तहसील/ब्लॉकवार पत्रकारों (मान्यता प्राप्त/ गैर मान्यता प्राप्त) का रिकॉर्ड दर्ज कराया जाए एवं पत्रकारों को शासकीय विभागों द्वारा सम्मान व सहयोग दिए जाने की मांग के साथ बताया गया कि पुलिस विभाग से मांग है कि पत्रकारों को अपना दुश्मन न समझते हुए अपने सहयोगी की भांति सलूक करें क्योंकि पत्रकार आलोचना करने वाला जरूर होता है या हो सकता है जिसका कतई मायने दुश्मनी का नहीं होता है। आखिरी मांग में पुनः से हाथरस में बीते दिनों समाचार कवरेज़ के दौरान मीडियाकर्मियों खासकर महिला मीडिया कर्मियों से अभद्रता करने वाले स्थानीय प्रशासन एवं पुलिस प्रशासन के लोगों पर बर्खास्तगी के साथ ही दंडात्मक कार्यवाही भी किये जाने की पुरजोर मांग की गई है।
इस दौरान मीडिया से मुखातिब होते हुए राष्ट्रीय मीडिया महासंघ (एनएमसी) के प्रदेश अध्यक्ष इश्तियाक अहमद ने कहा है कि महाराष्ट्र एवं छत्तीसगढ़ राज्य की तर्ज पर उत्तर प्रदेश सरकार को भी सूबे में पत्रकार सुरक्षा कानून एवं पत्रकार पेंशन लागू कर देना चाहिए जिसकी मांग हम करते रहेंगे, आगे उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार हर स्तर पर कानून व्यवस्था के मामले में फिसड्डी साबित हुई है जिसके चलते आये दिन कहीं न कहीं कोई जघन्य अपराध की खबर दिखाई व सुनाई देती है जिसमें हमारा पत्रकार साथी भी अपराधियों के आतंक से पीड़ित है व न जाने कितने पत्रकार साथी शहीद हुए हैं ऐसे में राष्ट्रीय मीडिया महासंघ (एनएमसी) का समूचा शीर्ष नेतृत्व तथा प्रत्येक प्रदेश व जिला, तहसील एवं ब्लॉक हर जगह से न्याय की आवाज़ उठाते हुए हर शहीद पत्रकार को न्याय व सम्मान की बात तब तक करता रहेगा जब तक पत्रकार समाज को सरकार गंभीरता से न समझे। इसी क्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहे जिला संरक्षक नफीस अहमद उर्फ मुन्ना राईन ने भी सरकार से पत्रकारों के प्रति गंभीर होते हुए हर यथासंभव मदद देने की बात कही। वहीं जिलाध्यक्ष सरवरे आलम ने उपस्थित पत्रकारों से कहा कि पत्रकार न्याय के लिए एवं लोकतंत्र के चौथे स्तंभ को कुचलने वालों के विरुद्ध संवैधानिक तरीके से हम सब एकजुट हो कर आवाज़ उठाने का काम अवश्य करें।
इस दौरान उपस्थित पत्रकारों ने एक सुर में पत्रकार एकता जिंदाबाद, पत्रकार सुरक्षा कानून लागू हो एवं कलम की हत्या बन्द करो जैसे तमाम इंकलाबी नारे लगाते दिखाई दिए। ज्ञापन देते समय प्रदेश अध्यक्ष (एनएमसी) इश्तियाक अहमद, जिला संरक्षक नफीस अहमद उर्फ मुन्ना राईन, जिला अध्यक्ष (एनएमसी) सरवरे आलम, कार्यक्रम प्रभारी दिनेश कुमार (जिलाध्यक्ष कौशाम्बी), कन्हैया लाल पटेल, सैय्यद नूरुल हसन, राकेश सैनी, शुभम सिंह, असगर अली, मनोज कुमार केसरवानी, कमलेश साहू, विशाल कुमार साहू, राज किशोर शुक्ला, अमन विश्वकर्मा, कमर अब्बास सहित तमाम अन्य पत्रकार, समाजसेवी एवं आमजन उपस्थित रहें।