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शव दफनाने को लेकर हुआ विवाद

महराजगंज(रायबरेली)। विकासखंड महराजगंज की ग्राम पंचायत मोन में बस्ती के अंदर शव दफनाने को लेकर दो पक्षों में कहासुनी हो गई घटना की सूचना पर पहुंची कोतवाली पुलिस ने मामले को गंभीरता से लेते हुए बस्ती के अंदर शव दफनाने से मना कर दिया,जिसको लेकर तहसील व पुलिस विभाग के उच्चाधिकारियों द्वारा मौके पर जाकर स्थिति का जायजा लिया तथा मौजूद पुलिस बल से शांति व्यवस्था बनाए रखने की बात कही।

बस्ती के बीच में शव दफनाने का मन

बताते चलें कि क्षेत्र के मोन गांव में दर्शन पुत्र रामसुख की कल रात मां की मौत हो जाने के चलते आज दिन में 9 बजे गांव की ही बस्ती के बीच में शव दफनाने का मन बना लिया, और शव दफनाने के लिए एक मिट्टी का गड्ढा खोदने लगे। घटना की सूचना पर मोंन गांव निवासी हर्ष बहादुर सिंह पुत्र शिव बहादुर सिंह पहुंचे और ग्रामीणों से तथा उपस्थित सक्षम अधिकारियों से कहा कि, यह मेरी भूमिधरी जमीन है, तथा मेरी जमीन का नंबर मतरूक हो गया था, जिसके चलते पुनः नंबर दर्ज करवाने हेतु उपजिलाधिकारी न्यायालय में वाद विचाराधीन है।

जिसका निस्तारण जल्द ही हो जाएगा तथा मेरी जमीन पर शव न दफनाया जाए, जिसको लेकर हर्ष बहादुर की बात सुनकर उच्चाधिकारियों ने शव को दफनाने से मना कर दिया तथा गांव में शांतिपूर्ण व्यवस्था बनाए रखने की बात कही है। विदित हो कि मृतक के परिजन हर्ष बहादुर के बीच विगत दिनों से जमीनी विवाद चला आ रहा है। जिसको लेकर दोनों पक्षों में कई बार मारपीट व कहासुनी हो चुकी है, तथा जमीनी विवाद को लेकर गोलीकांड भी हो चुका है।

जिससे संपूर्ण गांव में स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है। मामले को गंभीरता से लेते हुए कोतवाली प्रभारी राकेश कुमार सिंह ने हल्का दरोगा  को भेजकर गांव में शांति व्यवस्था बनाए रखने की बात कही है। वही मामले में तहसीलदार ज्ञान चंद गुप्ता का कहना है कि, पुलिस बल व राजस्व निरीक्षक तथा हल्का लेखपाल की मौजूदगी में जमीन की पैमाइस कराई गई है, विरोध करने वाले का वहां पर कुछ भी नहीं है,तथा वो जमीन दर्शन पासी की ही जमीन है।तथा आरोप लगाने वाले व्यक्ति का आरोप निराधार है, इसलिए शव को वही दफनाने की स्वीकृति दे दी गई है।

 

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