बॉलीवुड स्टार सुशांत सिंह राजपूत की मौत के बाद मानसिक बीमारी को लेकर बहस तेज हो गई है. इसी बीच अब सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार और बीमा कंपनियों पर निगरानी रखने वाली संस्था IRDA से पूछा है कि आखिर मानसिक रूप से बीमार मरीजों को बीमा क्यों नहीं दिया जा रहा है.
एक जनहित याचिका में कहा गया है कि 2017 और 2018 में कानून में संशोधन कर मेंटल इलनेस को बीमा के कैटेगरी में लाया गया था, इसके बावजूद बीमा कंपनी इसका पालन नहीं कर रही हैं. सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से इस संबंध में चार हफ्तों में जवाब देने को कहा है.
जानकारी के मुताबिक सुशांत सिंह राजपूत की मौत के बाद इस बात पर चर्चा जोरों पर चल रही है कि वह डिप्रेशन में चल रहे थे. अभी तक की जांच में पता चला है कि वह काफी समय से मानसिक बीमार थे और उनका इलाज भी चल रहा था. ऐसे में बॉलीवुड में अब नई बहस भी छिड़ कई है कि आखिर सुशांत सिंह राजपूत के मानसिक तनाव का कारण क्या था जिसके चलते उन्हें मौत को गले लगाना पड़ा. इन सबके बीच अब सुप्रीम कोर्ट ने भी केंद्र सरकार को नोटिस जारी कर मानसिक रूप से बीमार लोगों का बीमा न किए जाने को लेकर जवाब मांगा है.