बारिश की वजह से देश के कई राज्यों में बाढ़ की स्थिति ने हालात को पटरी से उतार दिया है. नदियां-नाले सब उफान पर थे. मानसून ने इस बार भारत में थोड़ी जल्दी दस्तक दे दी है. राजधानी दिल्ली भी बाढ़ जैसी आपदा से बच नहीं सकी. कुछ राज्यों में ...
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पर्यावरण के प्रति जागरूक होने की आवश्यकता
पिछले महीने जुलाई को धरती का अब तक का सबसे गर्म महीने के रूप में रिकॉर्ड किया गया है. एक तरफ जहां भारत और चीन सहित दुनिया के कई देश भीषण बाढ़ और प्राकृतिक आपदा की मार झेल रहे हैं, वहीं यूरोप के अधिकांश देश जंगलों में लगी भीषण आग ...
Read More »वृद्धाश्रमों का बढ़ता चलन चिंताजनक
भारत भूमि के संस्कारों ने हमेशा बड़े बुजुर्गों को सम्मान दिलाया है. हमारी संस्कृति यह सिखाती है कि बड़ों की इज्जत करो और उनका कहना मानो. वृद्धावस्था में अपने मां-बाप की सेवा तथा उनकी खुशियों को पूरा करना संतान का दायित्व है. किसी अच्छे कार्य को करने से पहले या ...
Read More »हमारी लापरवाही हमें संकट में डाल देती है!
दक्षिण पश्चिमी मानसून भारत में कुल वर्षा का लगभग 86 प्रतिशत योगदान देते हैं. भारत में मानसून का समय जुलाई से लेकर लगभग सितम्बर तक रहता है. इस दौरान अत्यधिक वर्षा होती है, तो ऐसे में बाढ़ आना स्वाभाविक है. वास्तव में, बाढ़ एक भयंकर प्राकृतिक आपदा है. इसके कारण ...
Read More »शिक्षा के नाम पर निजी स्कूलों की मनमानी
हाल के समय में समाज में एक धारणा तेज़ी से प्रचलित हुई है कि सरकारी स्कूलों के बजाय निजी स्कूलों में शिक्षा का स्तर थोड़ा ऊंचा है. इसी कारण माता पिता अपने बच्चों को निजी स्कूल में पढ़ाना बेहतर समझते हैं. हालांकि आज के समय में सरकारी स्कूलों में भी ...
Read More »cyber crime का आसान शिकार बनते ग्रामीण
इंटरनेट जो पहले हमारे लिए वरदान साबित हो रहा था, वह साइबर क्राइम जैसे अपराधों के कारण अब हमारे लिए मुसीबत बनता जा रहा है. आज के समय में हर व्यक्ति इंटरनेट का उपयोग करता है. कोरोना के बाद से ज्यादातर कार्य ऑनलाइन यानी इंटरनेट की सहायता से हो रहे ...
Read More »जम्मू कश्मीर के पुंछ में सेना के वाहन में आग लगने से चार जवान शहीद, जाने पूरी खबर
जम्मू कश्मीर। सेना के वाहन में आग लग जाने से गुरुवार को चार जवान शहीद हो गए। यह हादसा जम्मू कश्मीर के पुंछ में हुआ है। जानकारी के मुताबिक यह हादसा भाटाटूडियां क्षेत्र में हुआ है। हादसे की जानकारी मिलते ही इंडियन आर्मी के उच्च अधिकारी घटनास्थल पर पहुंचने लगे ...
Read More »विश्व स्वास्थ्य दिवस: कितना मुमकिन है सभी के लिए स्वस्थ परिवेश उपलब्ध कराना?
कहते हैं कि स्वास्थ्य ही जीवन है. वास्तव में प्रथम सुख ही निरोगी काया को कहा गया है. किंतु आज की व्यस्त एवं तनावग्रस्त जिंदगी में मानव अपने स्वास्थ्य पर पूरा ध्यान नहीं दे पा रहा है. काम, व्यस्तता और तनाव के कारण ही इंसान के स्वास्थ्य पर लगातार प्रतिकूल ...
Read More »शारीरिक रूप से अक्षम को शैक्षिक रूप से सक्षम बनाना ज़रूरी
हमारे देश में बहुत से ऐसे लोग हैं जो किसी न किसी प्रकार से दिव्यांग हैं. केंद्र की सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय की वेबसाइट के अनुसार देश की कुल 121.08 करोड़ की आबादी में 2.68 करोड़ दिव्यांगों की संख्या है, जो कुल आबादी का 2.21 प्रतिशत है. इनमें 1.5 ...
Read More »कहीं डिप्रेशन की शिकार तो नहीं हैं किशोरियां?
किशोरावस्था में मानसिक तनाव या अवसाद से पीड़ित होना समाज के लिए खतरे की घंटी की तरह होता है. सौभाग्य से हमारे देश के सरकारी अस्पतालों में भी इस बीमारी का मुफ्त और प्रभावी इलाज किया जाता है. यह एक ऐसी बीमारी है, जिसमें इंसान नकारात्मक विचारों के अंधे कुएं ...
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