लखनऊ। जब हमारे दूरदर्शी संतों के द्वारा “वसुधैव कुटुम्बकम” का संदेश दिया गया था तो उनका उद्देश्य संपूर्ण मानव जाति के साथ साथ प्रकृति और पर्यावरण की संयुक्त इकाई की ओर संकेत करना भी था। प्रकृति और पर्यावरण हमारे अस्तित्व के मूलाधार हैं। सृष्टिकर्ता द्वारा रचित संपूर्ण सृष्टि का ध्यान ...
Read More »