भारतीय संविधान का अनुच्छेद 51 अद्भुत और अभूतपूर्व है। विश्व के किसी अन्य संविधान में इस प्रकार का प्रावधान नहीं है। वस्तुतः यह प्राचीन भारत के चिंतन दर्शन की ही अभिव्यक्ति है। हमारे ऋषियों ने ही वसुधैव कुटुम्बकम का उद्घोष किया था। इसी के साथ उन्होंने सभी के सुखी होने ...
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