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2 करोड़ की फसल लेकर चंपत हो गई कंपनी, दो दर्जन किसान हुए शि‍कार

कृषि कानून पर एक तरफ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान किसानों को आश्वासन पर आश्वासन दिए जा रहे हैं. वहीं, मध्य प्रदेश के हरदा जिले में एक ऐसा मामला सामने आया है जो सरकारी दावे की पोल खोल रहा है. हरदा जिले में एक कंपनी ने करीब दो दर्जन किसानों के साथ फसल खरीद का समझौता किया था. यह समझौता छोटा-मोटा नहीं, बल्कि मंडी से अधिक रेट में करीब 2 करोड़ रुपये का था. आरोप है कि कंपनी किसानों से माल खरीदने के बाद उन्हें बिना भुगतान किए गायब हो गई है.

जानकारी के मुताबिक, खोजा ट्रेडर्स ने हरदा के देवास शहर में करीब 22 किसानों से मसूर-चना का समझौता किया. लेकिन, किसानों को भुगतान की बारी आई तो खोजा ट्रेडर्स का पता ही नहीं लगा. इसके बाद किसानों ने जैसे-तैसे उनका पता लगाया तो वे चौंक गए. मालूम चला कि तीन महीने के अंदर ही उन्होंने अपनी कंपनी का रजिस्ट्रेशन खत्म कर दिया है. मामेल को लेकर किसान खातेगांव पुलिस स्टेशन गए और FIR दर्ज कराई. किसानों ने प्रशासन से भी लिखित में इसकी शिकायत की है.

किसानों का दावा है कि आसपास के इलाकों में करीब 100-150 किसानों के साथ इस तरह की घटना हुई है. किसानों को इस मामले में शक तब हुआ जब ट्रेडर्स द्वारा दिया गया चेक ही बाउंस हो गया. खोजा ट्रेडर्स ने उन्हें मंडी रेट से 700 रुपये क्विंटल अधिक दाम देने की बात कही थी. जानकारी के मुताबिक, किसानों ने पुलिस को दी गई अपनी शिकायत में कहा है कि खोजा ट्रेडर्स के दो भाइयों ने अपना लाइसेंस दिखाकर हमसे फसल ले ली और पैसे देने की बात कही. लेकिन जब पैसा नहीं आया, तो उन्होंने मंडी में संपर्क किया और वहां पता लगा कि अब उनका रजिस्ट्रेशन ही नहीं है. देवास के कलेक्टर का इस विवाद पर कहना है कि पुलिस की मदद से उन्होंने ट्रेडर्स का पता लगाना शुरू कर दिया है.

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