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मुख्य सचिव की अध्यक्षता में नाबार्ड के आरआईडीएफ़ से वित्त पोषित परियोजनाओं से सम्बन्धित चतुर्थ हाई पावर कमेटी की समीक्षा बैठक संपन्न

लखनऊ। मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र की अध्यक्षता में नाबार्ड के ग्रामीण अवसंरचना विकास निधि (आरआईडीएफ़) से वित्त पोषित परियोजनाओं से सम्बन्धित वित्तीय वर्ष 2022-23 की चतुर्थ हाई पावर कमेटी की समीक्षा बैठक संपन्न हुई। मुख्य सचिव ने आरआईडीएफ ट्रेंच XXVIII के तहत की गई स्वीकृतियों की सराहना करते हुये नाबार्ड से प्राथमिकता वाली परियोजनाओं की शीघ्र स्वीकृति की अपेक्षा की।

राज्य के विकास के लिए नाबार्ड की भूमिका की सराहना करते हुये उन्होंने कार्यान्वयन विभाग अगले वर्ष के लिए प्रस्तावों को अंतिम रूप देने और अगले वर्ष पेश की जाने वाली परियोजनाओं की एक सूची अभी से तैयार कर लेने की अपेक्षा की।

मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र

उन्होंने कार्यान्वयन विभागों अर्थात पीडब्ल्यूडी, सिंचाई और पशुपालन से आरआईडीएफ के तहत निर्धारित संवितरण लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए आहरण प्रस्तुत करने पर भी जोर दिया। बैठक में आरआईडीएफ ट्रेंच XXIX के तहत स्वीकृतियों के दायरे पर भी चर्चा की गई और विभिन्न क्रियान्वयन विभागों से परियोजनाओं को शीघ्र प्रस्तुत करने के निर्देश दिये गये, ताकि समय पर स्वीकृतियां प्राप्त हो सकें।

मुख्य सचिव ने विभागों को निर्देशित किया कि व्यय संबंधी दावे तत्काल नाबार्ड को प्रस्तुत किया जाये। उन्होंने नाबार्ड के सहयोग से बड़े पैमाने पर ‘उत्तर प्रदेश के लिए ग्रामीण बुनियादी ढांचा रोड मैप’ के लिए एक जिले में पायलट पर चलाने पर भी जोर दिया। उन्होंने मंजूरी और संवितरण की विभागवार प्रगति की भी समीक्षा की।

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इससे पूर्व, नाबार्ड के मुख्य महाप्रबंधक एसके डोरा ने बताया कि पहली बार उत्तर प्रदेश राज्य ने 2000 करोड़ रुपये के आवंटित लक्ष्य को दिसंबर, 2022 तक हासिल किया एवं 600 करोड़ रुपये के अतिरिक्त आवंटित लक्ष्य को भी हासिल करते हुए तद्दिनांक को कुल आवंटित लक्ष्य 2600 करोड़ रुपये के सापेक्ष 2611 करोड़ रुपये की कुल स्वीकृति को हासिल किया है।

सहायक महाप्रबंधक डॉ राजीव नंदन ने वित्तीय 2022-23 में ग्रामीण अवसंरचना विकास निधि के तहत उपलब्धियों पर एक संक्षिप्त प्रस्तुति दी। उन्होंने वित्तीय वर्ष 2022-23 में ग्रामीण अवसंरचना विकास निधि की उपलब्धि की जानकारी देते हुए बताया कि चालू परियोजनाओं के तहत विभागवार संवितरण लक्ष्य 3000 करोड़ रुपये के सापेक्ष 1512 करोड़ रुपये ही है, जिसमे तेजी लाने की आवश्यकता है।

बैठक में प्रमुख सचिव स्वास्थ्य पार्थ सारथी सेन शर्मा, प्रमुख सचिव पीडब्ल्यूडी अजय चौहान, सचिव पर्यावरण आशीष तिवारी, महानिदेशक स्कूल शिक्षा विजय किरण आनंद, एमडी पीसीडीएफ कुणाल सिल्कु, विशेष सचिव पशुपालन देवेंद्र कुमार पांडे, विशेष सचिव (वित्त) पंकज सक्सेना, विशेष सचिव (लघु सिंचाई), ईएनसी-एचओडी (सिंचाई), ईएनसी मैकेनिकल (सिंचाई), महाप्रबंधक, पीसीडीएफ, मुख्य अभियंता, पीडब्ल्यूडी (सड़क), मुख्य अभियंता (पुल) सहित राज्य सरकार के विभागों के वरिष्ठ अधिकारियों ने बैठक में भाग लिया।

मुख्य महाप्रबंधक एसके डोरा ने बैठक में नाबार्ड का प्रतिनिधित्व किया और उप महाप्रबंधक पद्मिनी श्रीवास्तव, सहायक महाप्रबंधक संजीव कुमार, सहायक महाप्रबंधक डॉ राजीव नंदन, सहायक महाप्रबंधक अनीश कुमार, सहायक प्रबन्धक नंदिनी पाण्डेय एवं नवीन चंद जोशी भी बैठक में उपस्थित थे।

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