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क्षय रोगी के निरंतर संपर्क में रहने वालों को भी खिलाई जाएगी दवा : सीएमओ

बच्चों को खास तौर पर दवा दी जानी चाहिए। सभी लोगों से अपील है कि टी.बी. को जड़ से ख़त्म करने में सहयोग करें और यदि स्वास्थ्य कर्मी या चिकित्सक आपको दवा खाने को कहता है तो अवश्य खाएं। जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. आर.के. कन्नौजिया ने बताया कि एक्टिव केस फाइंडिंग में जिले में 217 टीम लगाई जायेंगी। इसमें 651 स्वास्थ्य कर्मी रहेंगे, प्रत्येक टीम में 3-3 सदस्य और प्रत्येक 5 टीम पर 1-1 सुपरवाइजर भी लगाये जाएंगे।

  • Published by- @MrAnshulGaurav  Written by – ShivPratapSinghSengar
  • Monday, 07 Febraury, 2022

सुलतानपुर। स्वास्थ्य विभाग टी.बी. के मरीजों की खोज के लिए नौ से 22 मार्च तक एक्टिव केस फाइंडिंग (एसीएफ) कार्यक्रम चलाने जा रहा है। इसके माध्यम से जिले में क्षय रोग से संक्रमित व्यक्तियों की पहचान की जाएगी। ए.सी.एफ. में जिले की बीस प्रतिशत आबादी में संभावित टी.बी. मरीज़ की खोज की जाएगी। चिन्हित मरीजों को निःशुल्क जांच व उपचार की सुविधा मिलेगी। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. धर्मेन्द्र कुमार त्रिपाठी ने यह जानकारी दी।

चिन्हित मरीज़ के परिवार को संक्रमण से बचाने के लिए दी जाएगी दवा

डॉ. त्रिपाठी ने कहा कि क्षय रोग के जो भी मरीज़ चिन्हित होंगे उनका दो दिन के भीतर उपचार शुरू किया जायेगा। इसके साथ ही मरीज़ के परिवार में किसी और को टी.बी. का संक्रमण न हो इसके लिए परिवार के सभी सदस्यों को दवा दी जाती है। टी.बी. मरीज़ के संपर्क में रहने वाले सभी लोगों को यह दवा अवश्य खानी चाहिए। यह दवा व्यक्ति को क्षय रोगी के संपर्क में रहने के बाद भी संक्रमण से बचाती है और इससे संक्रमण किसी अन्य व्यक्ति में भी नहीं फैलता है।

लोगों से अपील, टी.बी. को जड़ से ख़त्म करने में  करें सहयोग

उन्होंने बताया कि बच्चों को खास तौर पर दवा दी जानी चाहिए। सभी लोगों से अपील है कि टी.बी. को जड़ से ख़त्म करने में सहयोग करें और यदि स्वास्थ्य कर्मी या चिकित्सक आपको दवा खाने को कहता है तो अवश्य खाएं। जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. आर.के. कन्नौजिया ने बताया कि एक्टिव केस फाइंडिंग में जिले में 217 टीम लगाई जायेंगी। इसमें 651 स्वास्थ्य कर्मी रहेंगे, प्रत्येक टीम में 3-3 सदस्य और प्रत्येक 5 टीम पर 1-1 सुपरवाइजर भी लगाये जाएंगे। सघन क्षय रोगी खोज अभियान नौ से 22 मार्च तक चलाया जायेगा।

जिला कार्यक्रम समन्वयक विवेक मिश्र ने बताया कि जो भी संभावित मरीज़ खोजे जायेंगे, उन्हें उपचार शुरू होने के बाद निक्षय पोषण योजना के तहत 500 रूपए प्रति माह दिए जायेंगे। यह राशि डी.बी.टी. (डायरेक्ट बैंक ट्रान्सफर) के माध्यम से सभी मरीजों के खाते में तब तक भेजी जाती है जब तक उसका उपचार चलता है।

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