देशभर में आज श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का पर्व मनाया जा रहा हैं। इस अवसर पर देशभर में मंदिर को सजाया जाता है। भक्त उपवास रखते हैं और कृष्ण की पूजा करते हैं। जन्माष्टमी का त्यौहार श्री कृष्ण के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है। मथुरा नगरी में असुरराज कंस के कारागृह में देवकी की आठवीं संतान के रूप में भगवान श्रीकृष्ण भाद्रपद कृष्णपक्ष की अष्टमी को पैदा हुए। उनके जन्म के समय अर्धरात्रि थी, चन्द्रमा उदय हो रहा था और उस समय रोहिणी नक्षत्र भी था।
इसलिए इस दिन को प्रतिवर्ष कृष्ण जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है। इस दिन भगवान श्रीकृष्ण का जन्म हुआ था, इसलिए इसे कृष्ण जन्माष्टमी या केवल जन्माष्टमी के नाम से जाना जाता है।इस दिन भक्त पूरी श्रद्धा से कृष्ण भगवान की पूजा करते हैं। मान्यता है कि आज के दिन भक्तों की सारी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। आइए जानते हैं कि इस विशेष दिन कान्हा को किस तरह प्रसन्न किया जा सकता है।
कुछ नियम
गोपाल की सेवा करने के कुछ नियम हैं। अगर हम इन नियमों का पालन करते हैं तो गोपाल यानि भगवान श्रीकृष्ण का बाल रूप बहुत लाभ पहुंचाएगा। जन्माष्टमी तो भगवान कृष्ण का जन्मदिन है, लेकिन घर में जिस दिन लड्डू गोपाल का प्रवेश होता है और उनकी प्राण-प्रतिष्ठा होती है, हर साल उस दिन को भी भगवान कृष्ण के जन्मदिवस के रूप में मनाया जाना चाहिए। घर में बच्चों को बुलाकर लड्डू भगवान का जन्मदिवस मनाया जाना चाहिए। बच्चों को खिलौने के रूप में उपहार दिया जाना चाहिए।
जन्माष्टमी व्रत
श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का व्रत सभी आयु के लोग कर सकते हैं, लेकिन जिनको स्वास्थ्य समस्याएं हैं वे इसे न करें तो अच्छा है। वे केवल भगवान की आराधना करें। ज्योतिषीय मान्यताओं के अनुसार, जन्माष्टमी का व्रत करने से व्यक्ति को बाल कृष्ण जैसी संतान प्राप्त होती है।
– श्री कृष्ण जन्माष्टमी का त्यौहार पारंपरिक तरीके से मनाया जाता है। मान्यता है कि इस दिन भक्तों की हर मनोकामना पूरी की जा सकती है।
– प्रातःकाल सूर्य को नमस्कार कर पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुख कर बैठें। इसके बाद हाथ में जल, पुष्प और सुगंध लेकर संकल्प करें।
– मध्याह्न के समय काले तिलों के जल से स्नान कर देवकीजी के लिए प्रसूति-गृह का निर्माण करें। इसके बाद भगवान श्रीकृष्ण की मूर्ति या चित्र स्थापित करें।
– विधि-विधान से पूजन करें और प्रभु कृष्ण का आशीर्वाद प्राप्त करें।
-कमजोर चंद्रमा वाले लोग इस दिन विशेष पूजा करके लाभ की प्राप्त कर सकते हैं। कृष्ण जन्माष्टमी के दिन पूजा करने से सुख-समृद्धि और संतान की प्राप्ति भी हो सकती है। इस दिन कान्हा के बाल-गोपाल स्वरूप की पूजा की जाती है।