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योगी सरकार के बेमिसाल साढ़े चार साल

  डॉ. दिलीप अग्निहोत्री

योगी आदित्यनाथ सरकार ने साढ़े चार वर्ष पूरे किए। सरकार ने अपना रिपोर्ट कार्ड प्रदेश की जनता के समक्ष प्रस्तुत किया है। इस आधार पर सत्ता पक्ष ने चुनावी मंसूबा बनाया है। उसकी दावेदारी प्रबल है। मतदाताओं के सामने भी स्थिति बहुत स्पष्ट है। इसके पहले बसपा और सपा को पूर्ण बहुमत से सरकार चलाने का अवसर मिला। इस प्रकार तीनों सरकारों की उपलब्धियों का तुलनात्मक आकलन करना आसान है। इसी आधार पर भविष्य के संबन्ध में निर्णय लिया जा सकता है। इन साढ़े चार वर्षों में विकास अनेक कीर्तिमान स्थापित हुए है। पांच वर्ष पहले तक उत्तर प्रदेश की राजनीति सपा और बसपा में सिमटी थी। एक पार्टी से मतदाता नाराज हुए तो दूसरी पार्टी को ले आये। उससे नाराज हुए तो फिर बदलाव कर दिया। सरकारें बदलती थी।

व्यवस्था में बदलाव नहीं होता था। मतलब जन आकांशा पूरी नही होती थी। फिर भी विकल्प हीनता की स्थिति थी। साढ़े चार वर्ष पहले मतदाताओं ने विकल्प के रूप में भाजपा को मौका दिया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जानते थे कि केवल सरकार का बदलना पर्याप्त नहीं है। इसलिए उन्होंने सबसे पहले व्यवस्था में बदलाव व सुधार किया। निवेश व विकास के अनुकूल माहौल बनाया गया। इसके सकारात्मक परिणाम मिलने लगे है। बयालीस विकास योजनाओं में उत्तर प्रदेश नम्बर वन पर है। कई योजनाओं में योगी सरकार की उपलब्धि सत्तर वर्षों पर भारी है।

साढ़े चार वर्ष पूर्ण होने के अवसर पर योगी आदित्यनाथ ने सरकार की उपलब्धियों की रिपोर्ट कार्ड पेश किया। सत्ता पक्ष का चुनावी मंसूबा इसी पर आधारित है। उपलब्धियों के नाम पर सरकार के लिए गिनवाने के लिए बहुत कुछ है। इस आधार पर पिछली सरकारें इसकी बराबरी नहीं कर सकती।

सरकार की उपलब्धियां बताने के लिए योगी सरकार की ओर से तीन प्रकार की बुकलेट बनाई गई। एक बुकलेट सोलह दूसरी बावन पेज की है। तीसरी सिर्फ चार पेज की है। मतलब गागर में सागर। पहली बुकलेट में पारदर्शी और जवादेह सरकार का दस्तावेज है। विकास के कीर्तिमान का उल्लेख है। इसके कवर पेज पर वैचारिक प्रतिबद्धता की झलक है। इसमें योगी आदित्यनाथ नरेंद्र मोदी को प्रभु श्रीराम की प्रतिमा को भेंट कर रहे हैं। दूसरी बुकलेट में ‘विकास की लहर,हर गांव-हर शहर की दास्तान है। काम दमदार योगी सरकार नारे से चतुमुर्खी विकास का संदेश है।

तीसरी बुकलेट सोच ईमानदार-काम दमदार,छा गयी योगी सरकार का जज्बा है। यह संकल्प से सिद्धि की यात्रा है। साढ़े चार वर्षों में राष्ट्रीय पटल पर एक नया सक्षम और समर्थ उत्तर प्रदेश उभर कर आया है। पांच वर्ष पहले इसे बीमारू प्रदेश माना जाता था। निवेशकों की उत्तर प्रदेश में कोई दिलचस्पी नहीं थी। योगी के प्रयासों से निवेश का सर्वाधिक आकर्षक प्रदेश बन गया है। एंटी रोमियो स्क्वाड से मिशन शक्ति तक की कोशिशों से महिलाएं सुरक्षित सम्मानित हैं। स्वावलम्बन की मिसाल बन रही हैं। पांच वर्ष पहले बेरोजगारी दर सत्रह प्रतिशत थी। अब चार प्रतिशत है। योगी के कोरोना आपदा प्रबंधन की सराहना विश्व स्वास्थ्य संगठन व नीति आयोग ने की है। पहले उत्तर प्रदेश साम्प्रदायिक दंगों की चपेट में था। साढ़े चार वर्ष में प्रदेश दंगों से मुक्त रहा। अपराधियों माफिया के विरुद्ध जीरो टॉलरेंस की नीति पर अमल किया गया। डेढ़ हजार करोड़ रुपये से अधिक की अवैध सम्पत्ति जब्त की गई। रिपोर्ट कार्ड जारी करते समय योगी आदित्यनाथ आंकड़ों व तथ्यों के साथ तैयार थे।

पिछली सपा व बसपा की सरकारों के मुकाबले का उनमें जज्बा दिखाई दिया। अपनी उपलब्धियां गिनाने के दौरान स्वभाविक रूप से पिछली सरकारें निशाने पर आ गई। क्योंकि आज ये पार्टियां विपक्ष में है। सत्तापक्ष का आरोप रहा है कि ये पार्टियां केवल ट्विटर पर सक्रिय है। इनके पास मुद्दों का नितांत अभाव है। इसीलिए वह नकारात्मक राजनीति कर रहे है। कभी शाहीन बाग घण्टाघर तो कभी किसानों के नाम पर चलने वाले आंदोलनों को समर्थन देने दौड़ पड़ते है। इनमें से किसी को अपने जन समर्थन पर विशवास नहीं है। क्योंकि जनता वास्तविकता देख रही है। ये आज किसानों की बात कर रहे है, लेकिन इनके द्वारा उपज खरीद आज के मुकाबले कई गुना कम थी,आज जैसा न्यूनतम समर्थन मूल्य नहीं था,खाद नहीं मिलती थी,सिचाई योजनाएं लंबित थी। औद्योगिक दृष्टि से यूपी बीमारू था।

इन्वेस्टर्स समिट पहले भी होती थी,लेकिन उद्योगपति निवेश को उत्सुक नहीं थे। एक एक्सप्रेस वे बना कर अपनी खूब वाहवाही कर ली,अब पांच एक्सप्रेस वे पर काम चल रहा है। योगी आदित्यनाथ ने कहा कि उनकी सरकार ने साढ़े चार साल में प्रदेश को देश की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था वाले राज्य के रूप में आगे बढ़ाने का रास्ता बना दिया है। पहले यह कार्यकाल प्रदेश को बीमारू राज्य की पहचान से निकालकर समर्थ और सक्षम राज्य की ओर बढ़ाने का कालखंड रहा है। यूपी देश की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। इसे आगे बढ़ाया जा रहस्य है। पहले उद्योगों के लिए माहौल बनाया, जहां कोई आना नहीं चाहता था अब वहां लोग निवेश कर रहे हैं। आज यहां सकारात्मक माहौल है। निवेश के लिए अनुकूल वातावरण तैयार किया गया है। इसी का परिणाम है कि यूपी में प्रतिव्यक्ति आय दोगुनी से अधिक पहुंच गई है। नए भारत के नए यूपी के रूप में उभारने में सफलता प्राप्त की है। चार साल पहले किसान सरकारों की प्राथमिकता से बाहर था लेकिन आज वह राजनीति के एजेंडे में शामिल है। किसानों के उत्थान के लिए उनकी आय में दोगुना वृद्धि के लिए लगातार कार्य किए गए हैं। सरकार ने अब तक तीन लाख करोड़ से अधिक का निवेश हासिल करने में सफलता पाई है।

सरकार ने दो करोड़ इकसठ लाख शौचालय बनाकर तैयार किए जिसका लाभ दस करोड़ लोगों को मिला है। जिला मुख्यालयों में दस घंटे बिजली और तहसील मुख्यालय पर बाइस घंटे बिजली की सुविधा दी जा रही है, वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में अठारह घंटे बिजली पहुंचाने का काम सरकार कर रही है। केंद्र सरकार ने इस दौरान अभूतपूर्व व ऐतिहासिक निर्णय लिए है,जिनके पर अन्य कोई पार्टी कभी कल्पना तक नहीं कर सकती थी। अयोध्या जन्मभूमि पर श्री राम मंदिर का निर्मांण अनुच्छेद 370 तीन तलाक की समाप्ति नागरिकता संशोधन कांनून,कृषि कानून आत्मनिर्भर भारत अभियान,कोरोना संकट में प्रभावी आपदा प्रबंधन,किसान सम्मान निधि,अस्सी करोड़ गरीबों को छह माह तक राशन,भरण पोषण भत्ता,करोड़ों निर्धन आवास,शौचालय आदि अनेक अभूतपूर्व उपलब्धियां सत्ता पार्टी को उत्साहित करने वाली है। इस आधार पर भी योगी सपा बसपा सरकारों के सभी कार्यकालों को चुनौती देने को तैयार है।

किसान व गरीब कल्याण,लाखों करोड़ का निवेश अवस्थसपना सुविधाओं का विस्तार,पांच एक्सप्रेस वे पर कार्य स्वास्थ्य आदि सभी क्षेत्रों में पिछली सरकारों के रिकार्ड को बहुत पीछे छोड़ दिया है। जबकि पिछला करीब दो वर्ष वैश्विक महामारी कोरोना में व्यतीत हुआ। इसके बाद भी योगी आदित्यनाथ ने विकास की गति कम नहीं होने दी। प्रधानमंत्री की प्रेरणा से उत्तर प्रदेश को वन ट्रिलियन की अर्थव्यवस्था बनाने की कार्ययोजना पर अमल चल रहा है। राज्य सरकार की कार्यपद्धति में बदलाव से आय बढ़ी है। शीघ्र ही स्टेट जीएसटी से होने वाली आय एक लाख करोड़ रुपये की सीमा पार कर लेगी। राज्य सरकार ने अब तक गन्ना किसानों को करीब डेढ़ लाख करोड़ रुपए के गन्ना मूल्य का भुगतान कराया है। करण्ट ईयर आधे से अधिक का गन्ना मूल्य का भुगतान कराया जा चुका है। कोरोना काल में भी सभी एक सौ उन्नीस चीनी मिलें संचालित की गईं। न्यूनतम समर्थन मूल्य पर लगभग छत्तीस लाख मीट्रिक टन गेहूं की खरीद की। छांछठ लाख मीट्रिक टन से अधिक धान की खरीद की जा चुकी है तथा किसानों को ग्यारह हजार करोड़ रुपए से अधिक का भुगतान किया गया है।

राज्य सरकार द्वारा मक्के की खरीद कर किसानों को करीब दो सौ करोड़ रुपए से अधिक की धनराशि का भुगतान किया गया है। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के अन्तर्गत प्रदेश के दो करोड़ बयालीस लाख किसानों को लाभान्वित किया गया है। इसके लिए राज्य को भारत सरकार से प्रथम पुरस्कार भी प्राप्त हुआ है। प्रदेश शहरी और ग्रामीण इलाकों में चालीस लाख आवास उपलब्ध कराए गए हैं। चौवन लाख कामगार श्रमिक,स्ट्रीट वेण्डर्स आदि को भरण-पोषण भत्ते का लाभ मिला। कामगारों श्रमिकों की सामाजिक एवं आर्थिक सुरक्षा तथा सर्वांगीण विकास के उद्देश्यों की प्राप्ति के लिए उत्तर प्रदेश कामगार एवं श्रमिक सेवायोजन एवं रोजगार आयोग का गठन किया गया है। प्रदेश के युवाओं को विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता दिलाने के उद्देश्य से निःशुल्क कोचिंग हेतु मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना संचालित की जा रही है।

मुख्यमंत्रियों की  लोकप्रियता सूची में योगी आदित्यनाथ नम्बर वन है। उन्हें सर्वश्रेष्ठ मुख्यमंत्री माना गया है।  कोरोना काल में उनके आपदा प्रबंधन की दुनिया में चर्चा हुई। विकसित देश भी योगी मॉडल से प्रभावित हुए थे। साढ़े चार वर्ष  पहले यह ‘ईज़ ऑफ डूइंग बिजनेस’ में देश में चौदाहवें स्थान पर था, आज व्यापार का वातावरण बना है और प्रदेश ईज़ ऑफ डूइंग बिजनेस’ में देश में दूसरे स्थान पर आ गया है। आज प्रदेश में तेजी के साथ निजी निवेश हो रहा है। निजी क्षेत्र में अब तक तीन लाख करोड़ रुपए से अधिक का निवेश हुआ है। इसके माध्यम से पैंतीस लाख युवाओं को रोजगार व नौकरी के साथ जोड़ा गया है। जीएसटी के तहत उनचास हजार करोड़ का राजस्व प्राप्त होता था,जो अब बढ़कर एक लाख करोड़ रुपए हो गया है। आबकारी में वर्ष चार वर्ष पहले किरीब बारह हजार करोड़ रुपए राजस्व मिलता था,अब छत्तीस हजार करोड़ रुपए मिल रहा है। स्टाम्प एवं निबंधन में नौ से दस हजार करोड़ रुपए मिलता था,जो अब  पच्चीस हजार करोड़ मिलता है। मंडी शुल्क में छह से आठ सौ करोड़ रुपए मिलता था,अब दो हजार करोड़ रुपए प्राप्त होता है।

इसी प्रकार पूर्व में माइनिंग से उत्तर प्रदेश को करीब तेरह सौ करोड़ रुपए की आय ही होती थी,जो अब बढ़कर बयालीस करोड़ रुपये तक हो गयी है। यह चुस्त प्रशासन,सही नीयत तथा भ्रष्टाचार पर अंकुश का परिणाम है। सुशासन से यहां ईज आफ लिविंग बेहतर हुई है। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत अब तक प्रदेश में चालीस लाख से अधिक गरीबों को आवास दिए गए। इसी प्रकार एक करोड़ अड़तीस लाख घरों में निःशुल्क विद्युत कनेक्शन दिए गए हैं। सत्तासी  लाख से अधिक लोगों को वृद्धावस्था,महिला व दिव्यांगजन पेंशन दी गई हैं।

हर घर नल योजना के तहत तीस हजार ग्राम पंचायतों में शुद्ध पेयजल योजना लागू की गई है। बिजली आपूर्ति का पूरा परिदृश्य ही बदल गया।  आज प्रदेश के जिला मुख्यालयों पर चौबीस घण्टे,तहसील मुख्यालय कारीब बाइस घण्टे, ग्रामीण क्षेत्र में सोलह से सत्रह घण्टे बिजली आपूर्ति दी जा रही है। आने वाले समय में पूरे प्रदेश में चौबीस घण्टे विद्युत आपूर्ति देने की दिशा में कार्य किया जा रहा है। विश्व स्तरीय इंफ्रास्ट्रक्चर एवं कनेक्टिविटी से परिवेश बदला है। आज प्रदेश में एयरपोर्ट,हवाई पट्टी विकास,पूर्वांचल एक्सप्रेस वे,बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे,गंगा एक्सप्रेसवे,गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस वे, बलिया लिंक एक्सप्रेसवे के कार्य हो रहे हैं।

प्रदेश के हर जिला मुख्यालय को फोर लेन से तथा तहसील मुख्यालयों और विकास खण्ड मुख्यालयों को दो लेन से जोड़ने की कार्यवाही की जा रही है। किसानों को उनकी फसलों का उचित मूल्य दिलाने के लिए एमएसपी की व्यवस्था लागू करते हुए उनसे प्रोक्योरमेन्ट किया जा रहा है। किसानों को उनका भुगतान डीबीटी के माध्यम से किया जा रहा है। योगी आदित्यनाथ का दावा है कि सपा बसपा व कांग्रेस की सरकारों तुलना में भाजपा सरकार के साढ़े चार वर्ष भारी है। सरकार ने निवेश रोजगार महिला अपराध, किसानों को भुगतान करने में प्रतिबद्धता के साथ काम किया है।

निवेश में यूपी आज दूसरे नम्बर पर है,जो कभी सत्रहवें नम्बर पर होता था। गरीबों को आवास देने,रसोई गैस कनेक्शन,किसानों की आय को दोगुना करने के लिए जो केन्द्र सरकार ने नीतियां बनाई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि चार वर्ष पहले के प्रिक्योरमेंट के आंकड़े उठा कर देख लीजिए पहले पांच लाख से सात लाख मिट्रिक टन के आंकड़े आते थे। अब अड़सठ लाख मीट्रिक टन प्रिक्योरमेंट किया गया। डीबीटी के माध्यम से पैसा सीधे किसानों के खाते में भेजा गया।

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