बुधवार को सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक बेंच आरटीआई से जुड़े एक महत्वपूर्ण मुद्दे पर अपना फैसला सुना सकती है। कोर्ट बुधवार को निर्णय करेगी की पारदर्शिता के हिसाब से CJI का ऑफिस सूचना के अधिकार कानून के दायरे में आएगा की नहीं। कोर्ट ने इस मामले पर सुनवाई अप्रैल में ही पूरी कर ली थी और अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।
बता दें कि केन्द्रीय सूचना आयोग ने कहा था कि सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायधीश का ऑफिस आरटीआई के दायरे में आता है। जिसे हाईकोर्ट ने सही ठहराया था मगर 2010 में सुप्रीम कोर्ट की एक रजिस्ट्री ने चुनौती दी औ कोर्ट ने उस पर स्टे लगा दिया था जिस पर कल फैसला आने वाला है।
वरिष्ठ वकील प्रशात भूषण ने पारर्दशिता का समर्थन करते हुए इस मामले में कहा था कि देश के जज बहुत ही बेहतर काम करते हैं लेकिन फिर भी पारदर्शिता को देखते हुए सभी जज सूचना के कानून के दायरे में आने चाहिए।
इस पूरे मामले पर सुनवाई के दौरान मुख्य न्यायधीश रंजन गोगोई ने इस फैसले पर कहा था कि कोई नहीं चाहता कि कुछ भी अंधेरे में रखा जाए और सिस्टम में किसी तरह की अपारदर्शिता नहीं रखी जाए लेकिन फिल्हाल फैसला सुरक्षित रखा जाता है।