Christians के लिए कल का दिन बहुत ही खास था। कल पाम संडे मनाया गया। बता दें की आने वाले शुक्रवार को गुड फ्राइडे मनाया जाएगा।
क्यों खास है ये सप्ताह Christians के लिए
ईसाईयों में यह पाम संडे से ईस्टर संडे तक का टाइम पवित्र सप्ताह के रूप में माना जाता है।
देश में इस पर्व की सबसे ज्यादा रौनक केरल में देखने को मिलती है।
आइए जानें इस खास फेस्टिवल के बारे में…
पाम संडे कैसे मनाते हैं
- ईसाई समुदाय में कल पाम संडे यानी की खजूर पर्व मनाया गया।
- इस दिन ईसाई धर्म के अनुयाइयों द्वारा अलग-अलग स्थानों पर जुलूस निकाला गया।
- पाम संडे के लिए गिरजाघरों में विशेष तैयारियां पहले से की जाती है।
- इस दिन लोग खजूर की डालियों को लेकर चर्च में जाते हैं।
- सभी चर्चों में विशेष प्रार्थना सभाएं होती हैं।
- अधिकांश घरों में, चर्च से प्राप्त ताड़ के पत्ते यीशू की तस्वीर के सामने रखे जाते हैं।
ईसाई समुदाय में यह सप्ताह
- बता दें कि पाम संडे से ईस्टर संडे का यह समय ईसाई समुदाय में पवित्र माना जाता है।
- पाम संडे के बाद पवित्र बृहस्पतिवार और उसके बाद गुड फ्राइडे मनाया जाता है।
- इसके बाद पवित्र शनिवार पड़ता है जिसे कई बार मौन संडे के रूप में भी जाना जाता है।
- इसके बाद रविवार को ईस्टर संडे के नाम से जाना जाता है।
- ऐसे में बतादें कि पाम सन्डे,पवित्र बृहस्पतिवार और गुड फ्राइडे यीशु के आखिरी रात्रिभोज के रूप में जाने जाते हैं।
खजूर की डालियों से इशू का स्वागत
- पाम संडे को ईसाई समुदाय के लोग प्रभु यीशू के यरुशलम में विजयी प्रवेश के रूप में मनाते हैं।
- कहा जाता है कि यीशू मसीह ने चालीस दिन के उपवास काल में पाम संडे के दिन भारी भीड़ के साथ यरुशलम में प्रवेश किया था।
- इस दौरान जिस रास्ते से वह गुजर रहे थे लोगों ने उनके स्वागत के लिए अपने कपड़ों को बिछाने के साथ खजूर की डालियों को हाथों में लेकर उनका स्वागत किया था।
केरल और ईसाई
- वैसे तो भारत के कई बड़े शहरों में यह फेस्टिवल धूमधाम से मनाया जाता है लेकिन केरल में इसकी एक अलग ही रौनक देखने को मिलती है।
- केरल में पाम संडे को देखने के लिए बड़ी संख्या में टूरिस्ट आते हैं और काफी ट्रैफिक जाम रहता है।
- बता दें केरल की 33.4 मिलियन आबादी है जिसमे करीब 61.41 लाख ईसाई हैं। इनमें 29.94 लाख पुरुष और 31.47 लाख महिलाएं हैं।