मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की गोरखपुर यात्रा विकास निर्माण और संवाद की द्रष्टि से महत्वपूर्ण रही। विश्वकर्मा जयन्ती पर उन्होंने पूजा अर्चना की। विकास योजनाओं की सौगात दी। इसके अलावा गोरखपुर में संकेत राजकीय मूक बधिर विद्यालय का निरीक्षण किया। विद्यालय के छात्र-छात्राओं से संवाद किया। एक शिक्षक ने उनकी बातों को संकेतों के जरिये छात्र-छात्राओं तक पहुंचाया। उन्होंने छात्र-छात्राओं द्वारा लगाई गई प्रदर्शनी का अवलोकन किया तथा उन्हें उपहार भी भेंट किए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि संकेत राजकीय मूक बधिर विद्यालय में छात्रावास का निर्माण कर इसे आवासीय विद्यालय के रूप में परिवर्तित किया जाएगा। इससे आर्थिक रूप से कमजोर परिवार के दिव्यांग बच्चों को काफी राहत मिलेगी व उनकी प्रतिभा का विकास होगा। पहले इस विद्यालय का भवन जर्जर था, प्रदेश सरकार ने यहां नया भवन बनवा दिया है। विद्यालय के ऐसे बच्चे जो कम बोल व सुन सकते हैं, उन बच्चों का कॉक्लियर इम्प्लांट एवं स्पीच थेरेपी द्वारा उपचार/सर्जरी की जाये, इसके लिये केन्द्र व राज्य सरकार धनराशि भी प्रदान कर रही है।
योगी आदित्यनाथ विश्वकर्मा जयन्ती पर गोरखपुर पहुँचे थे। यहां उन्होंने जटाशंकर स्थित श्री विश्वकर्मा पंचायत मंदिर में भगवान विश्वकर्मा की पूजा-अर्चना की। उन्होंने कहा कि सृष्टि के आदिशिल्पी भगवान विश्वकर्मा की जयंती पर वर्तमान भारत के शिल्पी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शिल्पियों व कारीगरों का जीवन खुशहाल बनाने के लिए ‘पीएम विश्वकर्मा योजना’ का शुभारम्भ किया है। यह सभी हुनरमंदों के लिए नायाब उपहार है। यह योजना देश-दुनिया में शिल्पकारों तथा कारीगरों के हुनर को पहचान दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
मुख्यमंत्री ने ‘पीएम विश्वकर्मा योजना’ की विशेषताओं का उल्लेख करते हुए कहा कि यह योजना 18 प्रकार के शिल्पियों व कारीगरों के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन का कारक बनेगी। मुख्यमंत्री ने जनपद गोरखपुर में 343 करोड़ रु0 लागत की 76 विकास परियोजनाओं का शिलान्यास एवं लोकार्पण किया।
इन विकास परियोजनाओं में मल्टी लेवल पार्किंग, गौरव संग्रहालय, सड़क निर्माण, सीवर लाईन निर्माण आदि से सम्बन्धित परियोजनाएं शामिल
मुख्यमंत्री ने विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं के लाभार्थियों को प्रमाण पत्र, चाभी तथा चेक प्रदान किए। कहा कि..खाद कारखाना परिसर में सैनिक स्कूल के निर्माण की कार्यवाही युद्ध स्तर पर चल रही है। मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में नाईलेट संस्था, जो कभी बंद थी, अब उसको भी आगे बढ़ाने का कार्य किया जा रहा है। दशकों से लम्बित परियोजनायें अब पूर्ण हो रही हैं। यह परियोजनाएं हाई-वे, रेलवे, फ्लाईओवर, सेतुओं की हैं। गोरखपुर का बंद खाद कारखाना फिर से आरम्भ हो गया है। रामगढ़ताल गोरखपुर की पहचान बन चुका है। यह दुनिया को पर्यटन के लिए अपनी ओर आकर्षित कर रहा है। अब गोरखपुर कह सकता है कि हमारे पास भी जम्मू-कश्मीर जैसा ताल है।
आज गोरखपुर से 14 शहरों के लिए वायु सेवा भी संचालित हो रही है। छह वर्ष पहले जिस मैदान पर भू-माफियाओं का कब्जा थ आज यहां पर राज्य सरकार के प्रयास से एक भव्य रामलीला मैदान का निर्माण हुआ है।
रिपोर्ट-डॉ दिलीप अग्निहोत्री