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देश में अमृतकाल, बजट से मालामाल या बुरे होंगे हाल

अगले वर्ष 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले यह मोदी सरकार का आखिरी पूर्ण बजट है। केंद्रीय बजट से आम आदमी से लेकर उद्योग जगत को भी कई उम्मीदें हैं, कोरोना महामारी के बाद भारत की घरेलू अर्थव्यवस्था की हालत दुनिया के अन्य देशों के मुकाबले बेहतर है, फिलहाल भारतीय अर्थव्यवस्था जी 20  देशों में सबसे तेजी से बढ़ने वाली इकोनॉमी है। हालांकि,देश की इकोनॉमी की रिकवरी तेज करने, कर्ज के बोझ में कमी लाने, मध्यम वर्ग को राहत देने और राजकोषीय घाटा कम करने जैसी बड़ी चुनौतियां हैं. साल 2023 उस समय को दिखाता है जब भारत अमृतकाल में प्रवेश कर रहा है। आने वाले 25 सालों में 2047 का साल आएगा, जो हमारी स्वतंत्रता का 100वां साल होगा।

समावेशी, विकास को गति प्रदान करने वाला बजट- राकेश कुमार मिश्रा

मोदी सरकार 2024 के लिए एजेंडा सेट कर रही है और विपक्ष भी अपनी पिच तैयार कर रहा है। आज बजट के जरिए सरकार ने अपनी अर्थनीति देश के सामने रख दी। इस अर्थनीति के बैकड्रॉप में राजनीति भी है। सरकार ने मिडिल क्लास को खुश करने वाला दांव चल दिया है। किसान के खलिहान और गरीब की थाली के लिए अपनी थैली खोल दी है। अगले वर्ष 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले यह मोदी सरकार का आखिरी पूर्ण बजट है.

केंद्रीय बजट से आम आदमी से लेकर उद्योग जगत को भी कई उम्मीदें हैं, कोरोना महामारी के बाद भारत की घरेलू अर्थव्यवस्था की हालत दुनिया के अन्य देशों के मुकाबले बेहतर है, फिलहाल भारतीय अर्थव्यवस्था जी 20  देशों में सबसे तेजी से बढ़ने वाली इकोनॉमी है, हालांकि,देश की इकोनॉमी की रिकवरी तेज करने, कर्ज के बोझ में कमी लाने, मध्यम वर्ग को राहत देने और राजकोषीय घाटा कम करने जैसी बड़ी चुनौतियां हैं. साल 2023 उस समय को दिखाता है जब भारत अमृत काल में प्रवेश कर रहा है. आने वाले 25 सालों में 2047 का साल आएगा, जो हमारी स्वतंत्रता का 100वां साल होगा..

अमृतकाल बजट

व्यक्तिगत कर में मोदी सरकार ने नौकरीपेशा वर्ग को बड़ी राहत दी है. अब नई कर व्यवस्था के तहत 7 लाख तक की सालाना आय टैक्स-फ्री हो गई है. यह छूट पहले 5 लाख तक थी. पुरानी कर व्यवस्था के तहत कर छूट की सीमा अब 2.5 लाख से बढ़ाकर 3 लाख तक कर दी गई है. वहीं टैक्स स्लैब में भी बदलाव हुआ है. अब 0 से 3 लाख रुपये- 0, 3 से 6 लाख रुपये – 5%, 6 से 9 लाख रुपये – 10%, 9 से 12 लाख रुपये – 15%, 12 से 15 लाख रुपये – 20%, 15 लाख से ऊपर की सालाना आय पर – 30% टैक्स लगेगा.  ‘नए टैक्स सिस्टम में अब ज्यादा इंसेंटिव दिए जा रहे हैं. इससे टैक्सपेयर्स बिना किसी संकोच के पुराने से नए टैक्स रिजीम में शिफ्ट कर सकेंगे जिनकी आमदनी 7 लाख रुपये तक है, उन्हें एक रुपये भी टैक्स नहीं देना होगा, लेकिन उनकी आमदनी 7 लाख से एक रुपये भी बढ़ जाती है तो उन्हें टैक्स देना होगा।

भारत को आर्थिक महाशक्ति बनाने वाला बजट- योगी आदित्यनाथ

‘सबका साथ-सबका प्रयास’ के जरिए ‘जनभागीदारी’ की जरूरत को ध्यान में हुए अमृत काल के लिए मजबूत वित्तीय क्षेत्र के साथ एक तकनीक-संचालित एवं ज्ञान-आधारित अर्थव्यवस्था को दिशा देने वाला यह बजट है।  इनमें समावेशी विकास, अंतिम मील तक पहुंच, अवसंरचना एवं निवेश, क्षमता को उजागर करना, हरित विकास, युवा शक्ति और वित्तीय क्षेत्र इन मुद्दों का समावेश है। देश के विकास के लिए इन्फ्रास्ट्रक्चर विकास बेहद ज़रूरी है। सड़क, रेल, बिजली, स्वास्थ्य, शिक्षा और खेती से जुड़े महत्वपूर्ण इन्फ्रास्ट्रक्चर पर किया गया निवेश मील का पत्थर साबित होगा। साथ ही व्हेईकल स्कैपिंग पॉलिसी को बढ़ावा देने के लिए भी बजट में विशेष प्रावधान किया गया है। किसानों के लिए अनेक नई योजनाओं जैसे 2,200 करोड़ रुपये का आत्मनिर्भर स्वच्छ योजना कार्यक्रम, वैकल्पिक उर्वरकों और उर्वरकों के संतुलित उपयोग को बढ़ावा देने के लिए पीएम प्रणाम योजना का प्रावधान किया गया है।

राज्य मंत्री कपिल देव अग्रवाल ने केंद्रीय बजट को आत्मनिर्भर भारत का प्रतिरूप बताया

दूसरी तरफ मैडम वित्त मंत्री की बहुत तारीफ हो रही है। 41 करोड़ लोगों को गरीबी से निकाला और 80 करोड़ गरीबों को मुफ्त राशन।देश की जनसंख्या कितनी है? देश में अमीर कितने हैं? सिर्फ दो?या दो सौ?या दो हजार या दो लाख? कर्मकांड,आस्था,राजनीति और भक्ति,राष्ट्रवाद को छोड़े बिना अर्थव्यवस्था को भी समझें। अर्थशास्त्री के छात्र और शिक्षक हमें अर्थशास्त्र समझा दें तो बेहतर। दुनिया मंदी की चपेट में हैं। छंटनी की बहार है और हमारे बच्चों ने पिछले तीन दशकों से कुछ नहीं सीखा आईटी और कम्प्यूटर के सिवाय। अब बच्चों के लिए डिजिटल लाइब्रेरी से होगा रोजगार सृजन? स्टार्टअप से? संविदा नौकरी से? फाइव जी से? आर्टिफिशियल टैलेंट से? ऑनलाइन क्लास का नतीजा यह है कि स्कूली बच्चे भी प्रेम में आत्महत्या कर रहे हैं। लिव इन में बुराई नहीं है।लेकिन ब्रेक अप के बाद गर्ल फ्रेंड के खिलाफ हिंसा,अपराध? नशे का शिकंजा? किसानों को कर्ज से होगा कृषि विकास और विकास एनजीओ और पीपीपी के भरोसे?

सात लाख की आय तक इनकम टैक्स नहीं देना होगा।स्वागत है।जनता मालामाल हो गई। स्थाई नौकरी कितने करोड़ लोगों की है? 15 लाख से ऊपर जिनकी आय है,उन्हें सिर्फ 30 प्रतिशत टैक्स देना है। कुछ समझे? पर्यटन विकास की महिमा जोशीमठ की देवी महिमा से नहीं समझे? महंगाई कितनी घाटी? बजट घाटा का क्या हुआ? व्यापार संतुलन? वित्तीय घाटा? मुद्रा स्फीति? पीपीपी मेडिकल कॉलेज और नर्सिंग होम से चिकित्सा कितनी सस्ती,कितनी सुलह होगी? शिक्षा,ऊर्जा,परिवहन और किराने का खर्च घटेगा? इंफ्रा में निवेश का आशय क्या है?

बजट में सशक्त समृद्ध नए भारत के निर्माण का संकल्प- भूपेन्द्र सिंह चौधरी

अगले वित्त वर्ष के लिए पेश बजट में मनरेगा जैसी जन लोक कल्याणकारी एवं अति महत्वाकांक्षी योजना के बजट में 30,000 करोड़ रुपए की कटौती करना यह साबित करता है कि यह बजट भूमिहीन किसानों गरीब मजदूरों एवं वंचित वर्ग के हितों के विपरीत बजट है। इसी प्रकार कृषि एवं किसान कल्याण कोष की राशि में बढ़ोतरी करने के बजाए इस वर्ष 7500 करोड़ रुपयों की कटौती की गई है साथ ही किसानों की सर्वाधिक आवश्यकता की जरूरत यूरिया के लिए बजट में गत वर्ष के मुकाबले इस वर्ष 23000 करोड़ रुपयों की कटौती की गई है।

बजट में किस वर्ग को क्या मिलेगा

  • – महिला सम्मान बचत पत्र योजना शुरू होगी। इसमें महिलाओं को 2 लाख की बचत पर 7.5% का ब्याज मिलेगा, इसमें आंशिक रूप से निकालने का भी विकल्प होगा।
  • – वरिष्ठ नागरिक बचत योजना की सीमा बढ़ाई गई है। इसे 15 लाख से बढ़ाकर 30 लाख रुपये किया गया है। यानी इस स्कीम के तहत खाते में 30 लाख रुपये जमा किए जा सकेंगे।
  • – मासिक आय खाता स्कीम में पैसा जमा कराने की सीमा 4.5 लाख से बढ़ाकर 9 लाख रुपये की जा रही है। अगर इस स्कीम के तहत संयुक्त खाता है तो हर महीने पैसा जमा कराने की सीमा 9 लाख से बढ़ाकर 15 लाख रुपये की जा रही है।
  • – खेती किसानी के लिए नई योजना नहीं पर कर्ज़ का दायरा बढ़ाने की बात कही गई। खेती से जुड़े नवाचार और स्टार्ट अप को विशेष प्रोत्साहन मिलेगा, Agriculture Accelerator Fund का गठन होगा। मोटे अनाज को प्रोत्साहन, उसे श्रीअन्न कहा गया।

केंद्रीय बजट मध्यम वर्ग के लोगों के लिए महज धोखा- रोहित अग्रवाल

  • – 22 लाख करोड़ प्रधानमंत्री ऋण योजना के तहत आवंटित किए जाएंगे।
  • – 2014 से अब तक बनाए गए 157 मेडिकल कॉलेजों के साथ अब 157 नए नर्सिंग कॉलेज भी स्थापित किए जाएंगे।  
  • – नयी कर प्रणाली में सात लाख रुपये तक की वार्षिक आय को कर से पूरी तरह से मुक्त कर दिया है। इसके साथ ही आयकर स्लैब को छह से पांच कर दिया गया है। अब आयकर छूट की सीमा बढ़ाकर 3 लाख रुपये कर दी गई है। इसके मुताबिक तीन से छह लाख तक को 5%, छह से 9 लाख तक को 10% , नौ से 12 लाख तक को 15% और 12 से 15 लाख तक को 20% किया गया है। वहीं 15 लाख रुपये से अधिक की आय पर अब 30 प्रतिशत कर लगेगा।
  • – आईसीएमआर की लैब में निजी भागीदारी के साथ अनुसंधान को बढ़ावा।
  • –  कृषि वर्धन निधि स्थापित की जाएगी।

केन्द्रीय बजट महज सपने जैसा, जिसमें केवल कार्पोरेट जगत को मिलेगा फायदा-अनूप सिंह पटेल

  • -देखो अपना देश के तहत स्थानीय पर्यटन को बढ़ावा।
  • – एक जिला एक उत्पाद के विपणन के लिए हर राज्य में यूनिटी मॉल बनेगा।
  • – KYC को आसान बनाया जाएगा, पैन कार्ड ही पर्याप्त होगा।
  • – कृत्रिम हीरे के उत्पादन को बढ़ावा दिया जाएगा।
  • – रोजगार निर्माण के लिए 10 लाख करोड़ का निवेश किया जाएगा
  • – रेलवे पर 2 लाख 40 हज़ार करोड़ का बजट, पिछली बार एक लाख 40 हजार करोड़ था।
  • – 50 हवाई अड्डों और हेलीपैड का पुनर्निर्माण किया जाएगा।
  • – कृत्रिम बुद्धिमत्ता यानि AI को बढ़ावा देने के लिए 3 केन्द्रों के जरिए काम होगा। मेक AI फॉर इंडिया, मेक AI इन इंडिया।
  • – मोबाइल फोन और टेलीविजन सेट मे लगने वाले कैमरा और कुछ अन्य कलपुर्जों पर आयात शुल्क में कमी होगी। कपड़े और कृषि को छोड़कर अन्य वस्तुओं पर आयात शुल्क की मूल दर 21 प्रतिशत से घटाकर 13 प्रतिशत की गई।  
  • – पुराने प्रदूषण फैलाने वाले सरकारी वाहनों को चलन से बाहर किया जाएगा।

बजट पूरी तरह से आम जनता के हितों पर कुठाराघात और छलावा है- बृजलाल खाबरी

  • – MSME को सरकारी ठेकों में हुए नुकसान की भरपाई के लिए योजना।
  • – 5जी को बढ़ावा देने और अनुसंधान के लिए देशभर में 100 लैब स्थापित किए जाएंगे।
  • – कृषि क्रेडिट की सीमा को 20 लाख करोड़ तक बढ़ाया गया है। जिसमें पशुपालन, डेयरी और मछली पालन पर खास फोकस रहेगा। इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मिलेट रिसर्च को सेंटर ऑफ एक्सीलेंस बनाया जाएगा। 63 हजार प्राइमरी क्रेडिट सोसाइटी को कंप्यूटराइज्ड किया जाएगा और इसके लिए 2516 करोड़ रुपए का निवेश किया जाएगा।
  • – आदिवासियों के सामाजिक और आर्थिक कल्याण के लिए पीएम पीवीटीजी डेवलपमेंट मिशन लॉन्च किया जाएगा। जिसके तहत अगले तीन सालों में 15 हजार करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे।

किसानों और बेरोजगार युवाओं का नहीं रखा है इस बजट में ख्याल- लोकदल

  • – देश के 740 एकलव्य मॉडल स्कूलों में अगले तीन सालों में 38 हजार अध्यापकों और सहायक स्टाफ की नियुक्ति की जाएगी। इन स्कूलों में 3.5 लाख आदिवासी छात्र पढ़ाई करते हैं।
  • – बच्चों के लिए एक नेशनल डिजिटल लाइब्रेरी बनाई जाएगी, जिसमें विभिन्न भाषाओं और क्षेत्र की बेहतरीन किताबों को शामिल किया जाएगा। राज्य सरकारों को पंचायत और वार्ड स्तर पर भी लाइब्रेरी खोलने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। 
      Priyanka Saurabh

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