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यूक्रेन के विदेश मंत्री दिमित्रो कुलेबा की जयशंकर से बात, दोनों देशों के बीच रिश्तों की मजबूती पर जोर

यूक्रेन और रूस के बीच चल रहे भीषण युद्ध को डेढ़ साल से भी अधिक समय हो गया हैं। इसी बीच, यूक्रेन के विदेश मंत्री दिमित्रो कुलेबा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर एक पोस्ट साझा करते हुए कहा कि भारत और यूक्रेन के बीच द्विपक्षीय मुद्दों पर विदेश मंत्री एस जयशंकर से टेलीफोन पर बातचीत की हैं।

भारत-यूक्रेन के द्विपक्षीय मुद्दों पर चर्चा- दिमित्रो कुलेबा
पोस्ट साझा करते हुए उन्होंने लिखा, हम भविष्य में 2018 के बाद से भारत-यूक्रेन अंतर सरकारी आयोग की पहली बैठक आयोजित करने पर सहमत हुए। उन्होंने कहा कि मैंने अपने भारतीय समकक्ष को रूस में बढ़ रहे आतंक और यूक्रेन पर किए जा रहे बड़े पैमाने पर हवाई हमलों के बारे से जानकारी दी। दोनों देशों के नेताओं ने शांति फॉर्मूले पर आगे बढ़ने पर चर्चा भी की। इस दौरान वैश्विक शांति शिखर सम्मेलन के लिए यूक्रेन के दृष्टिकोण से भी अवगत कराया है।

भारत-यूक्रेन अंतर सरकारी आयोग की पहली बैठक पर सहमति
उन्होंने कहा कि हम आने वाले भविष्य में 2018 के बाद से भारत-यूक्रेन अंतर सरकारी आयोग की पहली बैठक आयोजित करने पर सहमत हुए। उन्होंने लिखा कि हमारे द्विपक्षीय संबंधों के इस प्राथमिक तंत्र का कायाकल्प हमें व्यापक तरीके से आगे बढ़ने की अनुमति देगा।

इससे इतर, एक साक्षात्कार में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भारत और कनाडा के मौजूदा राजनयिक संबंधों पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि कनाडा की राजनीति ने खालिस्तानी ताकतों को पनाह दी हुई हैं। वे सभी सीधे तौर पर कनाडा की राजनीति में शामिल हैं। मुझे लगता है कि यही एक कारण हैं, जो दोनों देशों के संबंधों को नुकसान पहुंचा रहा हैं। यह स्थिति भारत और कनाडा दोनों के लिए खतरा हैं। मेरा मानना है कि जितना यह भारत के खतरा है, उतना ही इससे कनाडा को भी नुकसान होगा।

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