भारत का अंतरिक्ष क्षेत्र महत्वपूर्ण बदलाव के मुहाने पर है लेकिन आर्थिक वृद्धि को गति देने के लिए अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी के वाणिज्यिक प्रयोगों को बढ़ाने की जरूरत है। इसरो (ISRO) के पूर्व अध्यक्ष एस सोमनाथ (S Somnath) ने गुरुवार को यह बात कही।
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भारतीय उद्योग परिसंघ (Confederation of Indian Industry) की ओर से आयोजित एक सम्मेलन में बोलते हुए, भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (Indian Space Research Organisation) के पूर्व अध्यक्ष ने अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी की पूरी क्षमता का दोहन करने के लिए आवश्यक बदलाव पर प्रकाश डाला।
सोमनाथ ने कहा कि भारत ने अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी में उल्लेखनीय प्रगति की है, फिर भी इसका अभियान मुख्य रूप से सरकारी कार्यक्रमों तक ही सीमित रहा है।
उन्होंने कहा, “अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी का उपयोग सामाजिक और सरकारी कार्यक्रमों पर केंद्रित रहा है। अब इसे वाणिज्यिक क्षेत्र में लाना और इसका मुद्रीकरण करना महत्वपूर्ण है।” उन्होंने बताया कि भारत में अंतरिक्ष अनुप्रयोगों की पहुंच सीमित है और संभावित बाजार का केवल 10 प्रतिशत हासिल किया जा सकता है।
सोमनाथ ने कहा, “भारत 145 करोड़ लोगों वाला एक विशाल देश है, लेकिन एप्लीकेशन की पहुंच बहुत कम है। हम केवल सीमित डोमेन में ही सेवा दे रहे हैं।” उन्होंने अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी को व्यवहार्य व्यावसायिक अवसरों में बदलने की आवश्यकता पर बल दिया। पूर्व इसरो प्रमुख ने मत्स्य पालन जैसे क्षेत्रों का उदाहरण दिया, जहां उपग्रह डेटा पारंपरिक तौर-तरीकों में क्रांतिकारी बदलाव ला सकता है।