बाबरी विध्वंस पर आज लखनऊ की एक स्पेशल अदालत बड़ा फैसला सुनाने जा रही है. इस केस में बीजेपी के दिग्गज नेता लालकृष्ण आडवाणी समेत कुल 32 आरोपी है. इन्ही आरोपियों में शामिल रामजन्मभूमि न्यास के सदस्य मविलास वेदांती ने फैसले से पहले कहा कि उन्होंने बाबरी ढांचे को तुड़वाया है और इसके लिए अगर उन्हें फांसी भी होती है तो वह तैयार हैं.
वेदांती ने फैसले से पहले कहा, ‘हमको विश्वास है कि मंदिर था, मंदिर है और मंदिर रहेगा. हमने उस ढांचा को तुड़वाया, उस खंडहर को तुड़वाया, इसके लिए हमको गर्व है. ढांचा तुड़वाने के आरोप में, खंडहर तुड़वाने के आरोप में यदि फांसी होती है यदि आजीवन कारावास होता है तो हम रामलला के लिए जेल जाने और फांसी चढ़ने को भी तैयार हैं लेकिन रामलला को छोड़ने को तैयार नहीं हैं.’
वेदांती ने कहा, ‘अयोध्या में राम का जन्म हुआ, बाबर कभी अयोध्या आया ही नहीं फिर बाबरी मस्जिद कैसे. यह प्रश्न ही नहीं उपस्थित होता है. इसलिए हमने 2005 में एक महीने की गवाही में सिद्ध किया था कि जहां रामलला विराजमान हैं वही राम की जन्मभूमि है.’
बता दें कि आज 28 साल बाद आज बाबरी मस्जिद विध्वंस केस में बड़ा फैसला आना वाला है. इस केस में बीजेपी के वयोवृद्ध नेता लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती समेत 32 आरोपियों पर लखनऊ की सीबीआई अदालत फैसला सुनाएगी. अगर कोर्ट अपने फैसले में सजा का ऐलान करता है तो कई नेताओं को 3 साल से उम्रकैद तक की सजा हो सकती है.
बताया जा रहा है कि लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती, रामचंद्र खत्री और सुधीर कक्कड़ सीबीआई कोर्ट में उपस्थित नहीं रहेंगे. पांचों आरोपियों की तरफ से उनके वकील कोर्ट में प्रार्थनापत्र दे सकते हैं. कुछ आरोपी फैसले के लिए कोर्ट पहुंच चुके हैं. विनय कटियार, चंपत राय, जयभगवान गोयल भी कोर्ट पहुंच चुके हैं.