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‘उद्धव सरकार के लोगों को बचाने के लिए सबूत मिटा दिए गए’, सुशांत मामले में भाजपा का बयान

मुंबई:  बॉलीवुड अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की आत्महत्या मामले में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने क्लोजर रिपोर्ट दाखिल कर दी है। मामले में पांच साल बाद क्लोजर रिपोर्ट दाखिल की गई है। रिपोर्ट दो मामलों में दाखिल हुई है, जिनमें से एक सुशांत को आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला है, जिसकी शिकायत सुशांत के पिता केके सिंह ने पटना में दर्ज कराई थी। दूसरा मामला ड्रग प्रिस्क्रिप्शन का है, जो सुशांत की कथित प्रेमिका रिया चक्रवर्ती ने सुशांत की बहन के खिलाफ दर्ज कराई थी।

मामले में भाजपा ने तत्कालीन उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली सरकार पर लापरवाही का आरोप लगाया है। भाजपा नेता राम कदम ने कहा, ‘जब पूरा देश सुशांत सिंह राजपूत की मौत के मामले की जांच सीबीआई को सौंपने की मांग कर रहा था, तब उद्धव ठाकरे सरकार ने जानबूझकर लापरवाही बरती। जब बिहार पुलिस जांच के लिए मुंबई आई, तो उन्हें भी रोक दिया गया था। क्या वजह थी?’

भाजपा ने नेता बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि उद्धव ठाकरे सरकार के लोगों को बचाने के लिए सभी सबूत मिटा दिए गए। सुशांत के घर का फर्नीचर हटा दिया गया, उसकी रंगाई-पुताई की गई और उसे उसके असली मालिक को लौटा दिया गया। इन सभी बिंदुओं का क्या अर्थ है? ऐसा क्या कारण है कि दिशा सालियान के पिता को ऐसा लग रहा है कि उनकी बेटी को न्याय नहीं मिला?

भाजपा नेता राम कदम ने कहा, ‘इन सबके पीछे उद्धव ठाकरे सरकार और उनके करीबी लोगों को बचाने की हिमाकत है। अगर उद्धव ठाकरे ने सही समय पर केस सीबीआई को सौंप दिया होता, तो सुशांत के परिवार को न्याय जरूर मिलता। अगर आज उन्हें न्याय नहीं मिल रहा है, तो इसके लिए उद्धव ठाकरे सरकार जिम्मेदार है।’

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