कोरोना के खिलाफ जंग में अब चीन की कोरोना वैक्सीन भी मैदान में उतरने जा रही है. चीन की एक दवा कंपनी ने बुधवार को कहा कि उसका कोरोना वायरस टीका जांच के अंतिम चरण में 79.3 फीसदी प्रभावी प्रारंभिक नतीजे देने में कामयाब रहा. सरकार द्वारा संचालित दवा कंपनी ‘सिनोफार्म’ उन चार चीनी कंपनियों में शुमार है, जो टीका बनाने की वैश्विक दौड़ में शामिल हैं.
‘सिनोफार्म’ या ‘चाइना नेशनल फार्मास्यूटिकल ग्रुप’ ने अपने टीके के तीसरे और अंतिम चरण के परीक्षण के बाद इसे मंजूरी देने के लिए आवेदन किया है. कंपनी की इकाई ‘बीजिंग बायोलॉजिकल प्रोडक्ट्स इंस्टिट्यूट लिमिटेड ने अपनी वेबसाइट पर यह जानकारी दी. चीन में कम से कम छह संभावित टीकों का अंतिम चरण का क्लीनिकल ट्रायल चल रहा है.
वैक्सीन की रेस में सबसे आगे फाइजर-बायोएनटेक की कोरोना वैक्सीन है, जिसे सबसे पहले ब्रिटेन और फिर अमेरिका सहित कई देशों ने मंजूरी दी. इसके बाद मॉर्डना वैक्सीन को भी अमेरिका मंजूरी दे चुका है.
वैक्सीन बनाम नया स्ट्रेन
इसके अलावा लैटिन अमेरिका में सबसे पहले अर्जेंटीना ने रूस की कोरोना वैक्सीन ‘स्पुतनिक वी’ को मंजूरी दी है. अर्जेंटीना को बीते हफ्तों वैक्सीन की पहली खेप मिल चुकी है. बुधवार को ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी की कोरोना वैक्सीन को ब्रिटेन में मंजूरी मिल चुकी है.
साल के खत्म होते-होते वैक्सीन के आने से दुनिया ने राहत की सांस ली ही थी कि ब्रिटेन में कोरोना के नए स्ट्रेन की पुष्टि की गई. वायरस का नया वैरिएंट पहले के मुकाबले 70 फीसदी तेजी से फैलता है. इसके बाद कई देशों ने यूके से आने-जाने वाली उड़ानों पर रोक लगा दी थी. इसके बावजूद कई देशों में कोरोना के नए स्ट्रेन की पुष्टि की गई. इसमें साउथ अफ्रीका, जापान, पाकिस्तान जैसे देश शामिल हैं.