संसद भवन उद्घाटन समारोह बहिष्कार पर सरकार की नौ साल की उपलब्धियां बहुत भारी पड़ी. इस भवन का निर्माण भी मोदी सरकार की उपलब्धियों में शुमार हुआ. सेवा सुशासन गरीब कल्याण के नौ साल में यह नव निर्माण भी जुड़ गया. अब तो ऐसा लग रहा है कि विपक्षी पार्टियों ने सरकार की नौ वर्ष की उपलब्धियों से ध्यान हटाने के लिए ही हंगामा किया था. नहीं तो इस मसले पर राष्ट्रपति का नाम लेना उनकी प्रतिष्ठा के प्रतिकूल था।
खास तौर पर उन नेताओं के लिए जिन्होंने द्रोपदी मुर्मू को राष्ट्रपति बनने से रोकने के लिए अभियान चलाया था. विपक्षी पार्टियां द्रोपदी मुर्मू की राष्ट्रपति पद पर देखना ही नहीं चाहती थी. विपक्ष की मानसिकता वही थी. अंदाज बदल गया. इस बार संसद भवन के उद्घाटन को लेकर नकारात्मक अभियान चलाया गया था .उन्होंने इसमें राष्ट्रपति पद के उल्लेख में भी संकोच नहीं किया. इन्होंने संविधान के अनुच्छेद 79 का उल्लेख किया. इसमें कहा गया कि एक संसद होगी, जो राष्ट्रपति और दो सदनों से मिलकर बनेगी. विपक्षी नेताओं ने इसे पकड़ लिया. ऐसा करते समय एक तो वह अपना अतीत भूल गए. जिसमें राष्ट्रपति की अवहेलना के अनेक उदाहरण है।
इसके अलावा उन्होंने संविधान के अनुच्छेद 75(3) की जानकारी नहीं ली. इसके अनुसार, मंत्रिपरिषद सामूहिक रूप से लोक सभा के प्रति उत्तरदायी होगी। मंत्रियों की नियुक्ति प्रधानमंत्री के परामर्श पर राष्ट्रपति द्वारा की जाती है. प्रधानमंत्री लोकसभा का नेता और मंत्रिपरिषद का मुखिया होता है.इस रूप नए संसद भवन का उद्घाटन उसी को करना चाहिए था. विपक्ष ने इस प्रकार की अमर्यादित राजनीति नरेंद्र मोदी को घेरने के लिए बनाई गई थी।
यह देखना दिलचस्प है कि जो पार्टियां द्रोपदी मुर्मू बनाने को तैयार नहीं थी, उन्होंने ही नई संसद भवन के उद्घाटन का बहिष्कार किया. उनका कहना था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जगह राष्ट्रपति को उद्घाटन करना चाहिए. इस तरह वह नरेंद्र मोदी को दरकिनार करना चाहते थे. य़ह कांग्रेस की सुनियोजित राजनीति थी. उन्हें नरेंद्र मोदी द्वारा उद्घाटन करना स्वीकार नहीं था. यह कांग्रेस की कुंठा थी. नया संसद भवन यूपीए सरकार के कार्यकाल में बन जाना चाहिए था. लेकिन उसकी कार्यशैली जगजाहिर थी. नरेंद्र मोदी ने नए संसद भवन की योजना बनाई. शिलान्यास किया. फिर उद्घाटन भी किया. अच्छा हुआ कि उन्होंने विपक्ष के अनुचित दबाब पर कोई ध्यान नहीं दिया. वह जानते थे कि विपक्ष अपनी राजनीति के लिए राष्ट्रपति पद का इस्तेमाल कर रहा है।
लेकिन य़ह हंगामा भी सत्ता पक्ष को अपनी उपलब्धियां जनता के बीच ले जाने से नहीं रोक सका. उपलब्धियों ने विपक्ष के हंगामे को अप्रासंगिक बना दिया. भाजपा लोगों तक सरकार की उपलब्धियां पहुंचाने के लिए महा जनसम्पर्क अभियान चला रही है. इसके अंतर्गत लखनऊ में मीडिया संवाद कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इसमें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और केंद्रीय मंत्री हरदीप पूरी ने विचार व्यक्त किए. इसमें सरकार के नौ वर्ष की उपलब्धियां बताई गई. पिछली सरकार से तुलनात्मक ब्यौरा दिया गया. इसी के साथ विपक्ष की असलियत भी सामने आ गई।
👉नौ साल : बेमिसाल सेवा सुशासन और गरीब कल्याण
शायद राष्ट्रपति का नाम लेकर वह बहिष्कार को बड़ा मुद्दा बनाना चाहता था. जिसमें सरकार उलझ कर रह जाए. उपलब्धियों की बात उसमें दब जाए. लेकिन हुआ उल्टा. बहिष्कार पर किसी ने ध्यान नहीं दिया. उद्घाटन समारोह में ही इसकी दम निकल गई थी. रही सही कसर महा जनसम्पर्क अभियान ने पूरी कर दी. लखनऊ मीडिया संवाद में योगी आदित्यनाथ ने केंद्र सरकार की नौ और अपनी सरकार के छह वर्षों की उपलब्धियां गिनाई. केंद्र के साथ उन्होंने सहयोगी संघवाद के विचार पर अमल किया. इससे उत्तर प्रदेश लाभान्वित हुआ।
योगी आदित्यनाथ ने सहयोगी संघवाद की नीति पर अमल किया. इसका उत्तर प्रदेश को व्यापक लाभ मिला. देश के विकास में उत्तर प्रदेश उल्लेखनीय योगदान कर रहा है. योगी ने कहा कि नौ वर्षों ने नए भारत के दर्शन हो रहे हैं. यह दर्शन स्वरूप स्तम्भों पर आधारित है। विश्व में भारत के सम्मान में वृद्धि, सुदृढ़ आन्तरिक और वाह्य सुरक्षा,गरीब कल्याण और इन्फ्रास्ट्रक्चर जैसे चार स्तम्भों को मजबूत आधार प्रदान किया गया है। यह सेवा,सुशासन और गरीब कल्याण का मॉडल है. स्वाभिमानी समर्थ और सशक्त भारत का निर्माण हो रहा है. विरासत का सम्मान हो रहा है।
काशी में श्री काशी विश्वनाथ धाम, अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि पर भगवान श्रीराम का भव्य मन्दिर, केदारनाथ में केदारपुरी, महाकाल में महालोक का निर्माण अभूत पूर्व है. भारत एक बड़ी महाशक्ति के रूप में स्थापित होकर दुनिया को नेतृत्व प्रदान करेगा. नौ वर्षों में भारत की सीमाएं सुरक्षित हैं। देश के अन्दर आन्तरिक सुरक्षा की स्थिति बेहतर हुई है। आतंकवाद, नक्सलवाद अलगाववाद और उग्रवाद को रोकने में सफ़लता मिली है. आजादी के बाद सत्तर वर्षां में देश में केवल चौहत्तर एयरपोर्ट्स बन पाए थे। विगत नौ वर्षां में चौहत्तर नये एयरपोर्ट भारत में बने हैं।
हाईवे, एक्सप्रेस-वे, वॉटर-वे, रेलवे लॉजिस्टिक्स के क्षेत्र में अभूतपूर्व परिवर्तन हुआ है. उत्तर प्रदेश जैसा लैण्ड लॉक्ड जैसा स्टेट भी फ्लोटिंग जेट्टी का निर्माण करके वॉटर-वे का लाभ ले रहा है। हल्दिया से वाराणसी के बीच राष्ट्रीय जलमार्ग एक क्रियाशील हो गया है। आजादी के बाद के सत्तर वर्षां में मात्र छह एम्स बने थे। आज भारत में बाईस से अधिक एम्स का निर्माण हो चुका है। प्रदेश में वन डिस्ट्रिक्ट वन मेडिकल कॉलेज का कार्य चल रहा है। आईआईटी, आईआईएम उन सभी क्षेत्रों में बनाये गये हैं, जिनमें कभी कल्पना नहीं की जा सकती थी।
भारत दुनिया की तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था बनेगा। ईज ऑफ डूइंग बिजनेस में भारत की प्रोग्रेस इसे दुनिया में सबसे अच्छे गंतव्य के रूप में स्थापित करती है। ईज ऑफ डूइंग बिजनेस में पिछले नौ वर्ष के दौरान भारत ने एक अच्छी रैंक यानी लगभग अस्सी रैंक की छलांग लगायी है। उत्तर प्रदेश चौदहवें स्थान से दूसरे स्थान पर आया है। इसका परिणाम है कि उत्तर प्रदेश ने देश में अपने आपको निवेश के बेहतरीन स्थल के रूप में स्थापित किया है।
देश में अन्य क्षेत्रों में भी अच्छा कार्य हुआ है। नौ वर्षां में देश में तीन लाख अट्ठाइस हजार किमी की ग्रामीण सड़कों का निर्माण हुआ है। देश में हाई-वे के निर्माण की गति सैंतीस किमी प्रतिदिन देखने को मिली है। जनधन खातों के माध्यम से अड़तातीस करोड़ लोगों के खाते देश में खोले गये। उत्तर प्रदेश ने इसका सर्वाधिक लाभ प्राप्त किया। प्रदेश में साढे़ आठ करोड़ से अधिक गरीबों के बैंक खाते खोले गये.डिजिटल बैंकिंग और डीबीटी का लाभ सभी को मिल रहा है. जनधन खातों का लाभ हर गरीब, किसान, श्रमिक को प्राप्त हुआ।
एक क्लिक में दो करोड़ तिरसठ लाख किसानों सम्मान निधि, पौने दो करोड़ लोगों को उज्ज्वला योजना का लाभ, निराश्रित महिला, वृद्धावस्था तथा दिव्यांगजन पेंशन का लाभ लाभार्थियां को प्राप्त हो रहा था। उज्ज्वला योजना के माध्यम से पहली बार देश में नौ करोड़ साठ लाख परिवारों को स्वच्छ ईंधन की सुविधा प्राप्त ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों चौवन लाख लोगों को आवास प्राप्त हुआ। स्वच्छ भारत मिशन के तहत उत्तर प्रदेश में दो करोड़ इकसठ् लाख गरीबों के शौचालय बनाये गये। पूरे देश में ग्यारह करोड़ बहतर लाख शौचालयों का निर्माण किया गया। डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट के अनुसार तीन लाख लोगों की जान स्वच्छ भारत मिशन के कारण बची। स्वच्छ भारत मिशन को एक जनान्दोलन के रूप में लेने के कारण उत्तर प्रदेश में इंसेफेलाइटिस की बीमारी पूरी तरह समाप्त हो चुकी है।
नौ वर्षां में देश में ग्यारह करोड़ घरों में नल से जल पहुंचा है। उत्तर प्रदेश में अब तक सरकार द्वारा एक करोड़ अठारह लाख घरों में नल से जल उपलब्ध कराया जा चुका है.अमृत योजना के अन्तर्गत शहरी क्षेत्रों में शुद्ध पेयजल की आपूर्ति और सीवर बिछाने की कार्यवाही हो रही है. प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना से स्ट्रीट वेण्डरों को बैंकों से ब्याज मुक्त ऋण उपलब्ध कराया गया। स्वामित्व योजना में अब तक प्रदेश में छप्पन लाख परिवारों को घरौनी के माध्यम से उनकी आवासीय जमीन का मालिकाना अधिकार दे दिया गया है. इस वर्ष के अंत तक प्रदेश के हर उस ग्रामीण क्षेत्र में जहां पर ग्राम सभा की किसी भूमि पर जिसने आवास बनाया है, अगर वह रिजर्व कैटेगरी का नहीं है, तो हम उसे घरौनी उपलब्ध करवा करके जमीन का मालिकाना अधिकार उपलब्ध करवा दिया जाएगा. दुनिया की सबसे बड़ी हेल्थ स्कीम आयुष्मान भारत योजना में देश में लगभग पचास करोड़ लोगों को पांच लाख रुपये तक का बीमा कवर प्राप्त हो रहा है।
उत्तर प्रदेश इसका सर्वाधिक लाभ प्राप्त कर रहा है। प्रदेश में आयुष्मान भारत योजना तथा इसी तर्ज पर संचालित मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना को मिलाकर लगभग दस करोड़ लोगों को पांच लाख रुपये सालाना का स्वास्थ्य बीमा कवर उपलब्ध कराया जा रहा है। प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना के तहत साढ़े तेरह करोड़ से अधिक लाख लाभार्थियों को कवरेज मिला है। इसमें से करीब डेढ़ लाख लाभार्थी उत्तर प्रदेश के हैं। दिव्यांगजन सशक्तीकरण के लिए भी योजनाए संचालित की जा रही है. किसानों को लागत का डेढ़ गुना लाभ प्रदान किया जा रहा है।
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प्रदेश सरकार ने कृषि क्षेत्र के साथ ही नारी सशक्तीकरण के विभिन्न कार्यक्रमों प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान, प्रधानमंत्री मातृ वन्दना योजना, सुकन्या समृद्धि योजना आदि योजनाओं और कार्यक्रमों को आगे बढ़ाने का कार्य किया है।विगत 09 वर्षों में मिशन रोजगार के माध्यम से युवा पीढ़ी के स्वावलम्बन का मार्ग प्रशस्त करने का कार्य भी देखने को मिला है। ऑपरेटर तथा बैंकिंग कॉरेस्पॉण्डेण्ट बीसी सखी की भी तैनाती कर दी गयी है। प्रदेश में दो एम्स बने हैं। उत्तर प्रदेश वन डिस्ट्रिक्ट,वन मेडिकल कॉलेज का कार्य पूरा किया जा रहा है. स्टार्ट-अप इण्डिया के क्षेत्र में भी उल्लेखनीय प्रगति हो रही है।
रिपोर्ट-डॉ दिलीप अग्निहोत्री