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नालों में फैली गंदगी बन रही परेशानी का सबब

औरैया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गंदगी भारत छोड़ो अभियान छेड़ा है। लेकिन उनका यह सपना नगर पालिका परिषद अधूरा छोड़ प्रधानमंत्री की आंखों में धूल झोंक रही है। नगर और गांव में सफाई के लिए पंचायती राज विभाग की ओर से विभिन्न तरह के कार्यक्रम भी आयोजित किए गए थे, लेकिन गंदगी से पीछा नहीं छूट सका। जिससे गांव हो या शहर सब जगह कूड़े के ढेर लगे हैं। नगर पालिका परिषद के अधिकारी व कर्मचारी ही सफाई अभियान में पलीता लगा लगाकर लोगों की आंखों में धूल झोंक रहे हैं।

शहर के ज्यादातर मोहल्लों में गंदगी का अंबार लगा हुआ है, नालों में सिल्क जमा है। कई महीनों से नालों की सफाई नहीं की गई है, जिसकी वजह से ज्यादातर नाला कूड़े के ढेर से बजबजा रहे हैं। इससे संक्रामक रोग फैलने का खतरा बढ़ गया है। इसके बावजूद जिम्मेदार स्वच्छता के नाम पर महज खानापूर्ति कर रहे हैं। नगर पालिका और नगर पंचायतों द्वारा महा स्वच्छता अभियान चलाया गया। यह महज कागजों तक सीमित रह गया है।

नालियों की गंदगी और जगह-जगह लगे कूड़े के ढेरों के कारण उठ रही दुर्गंध से लोगों का जीना दुश्वार हो रहा है। वहीं यह गंदगी संक्रामक बीमारियों को खुला आमंत्रण दे रही है। लोग सोशल मीडिया के माध्यम से सफाई की मांग कर चुके हैं। वही गोविद नगर में खुले में कूड़े का अंबार लगा हुआ है। यहां घनी आबादी क्षेत्र में इस समस्या को लेकर नगर पालिका प्रशासन बिल्कुल ध्यान नहीं दे रहा है। जिससे यहां कूड़े का ढेर बढ़ता जा रहा है। वहीं पालिका द्वारा मुख्य मार्गों को चकाचक कर बेहतरी दिखाई जा रही है, लेकिन शहर की खाली जगहों पर कूड़े के ढेर जमा हो रहे हैं। उन पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। नगर के बुद्धिजीवियों ने जिलाधिकारी व उप जिलाधिकारी से नगर की नालो व गलियों में सफाई करवाने की मांग की है।

रिपोर्ट-अनुपमा सेंगर

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