वाराणसी में एक बार फिर कोरोना के मामलों ने रफ्तार पकड़ी है. इस बार पिछली बार की अपेक्षा कम समय में ज्यादा की संख्या में केस आ रहे हैं. यही वजह है कि बीते साल की तरह इस बार भी धीरे-धीरे मंदिरों और मठों पर भी इसका असर पडऩा शुरू हो गया है.
पूरी दुनिया में आस्था के केंद्र काशी विश्वनाथ मंदिर में बाबा के दरबार में भी कोरोना को लेकर कई प्रतिबंध लगा दिए गए हैं. अब बाबा विश्वनाथ मंदिर के गर्भ गृह में प्रवेश पर पूरी तरह से रोक लगा दी गई है. यानी न तो आप गर्भगृह के अंदर जा पाएंगे और न ही शिवलिंग को स्पर्श कर पाएंगे.
मंदिर प्रशासन की तरफ से गर्भगृह के बाहर ही अरघा लगा दिया गया है, जहां से आपका जल बाबा को अर्पित हो जाएगा. सुबह 6 बजे से रात 9 बजे तक सिर्फ झांकी दर्शन होगा. शिवलिंग का स्पर्श प्रतिबंधित रहेगा. तड़के होने वाली मंगला आरती में भी भक्तों के प्रवेश पर रोक लग गई है. मंगला आरती के टिकट की बुकिंग अगले आदेश तक बंद कर दी गई है. बता दें कि हर रोज सैकड़ों भक्त बाबा दरबार पहुंचते हैं और दर्शन करते हैं. भक्तों की चाह सबसे ज्यादा मंगला आरती को लेकर होती है.
वहीं विश्वनाथ मंदिर के अलावा संकट मोचन मंदिर में भी कोरोना के बढ़ते आंकड़ों का असर पड़ा है. यहां भी प्रसाद के रूप में मिलने वाला चरणामृत अब नहीं मिलेगा. यही नहीं यहां चढऩे वाली फूल-मालाओं को भी अलग से निर्देश जारी किए गए हैं. संकट मोचन में माला फूल टोकरी में रखना होगा जो कि हर 4 घंटे में हनुमानजी को अर्पित होंगे. संकट मोचन में सुबह और रात की आरती में सिर्फ मंदिर के लोग ही शामिल होंगे.