भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी ने रामायण भेंट की है। राष्ट्रपति हसन रूहानी अपने तीन दिवसीय दौरे पर भारत आए हैं। इस दौरान उनका भव्य स्वागत हुआ। इस दौरान दिल्ली के हैदराबाद हाउस में ईरान और भारत के बीच प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता की शुरुआत हुई। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और हसन रूहानी की यह कोई पहली मुलाकात नहीं है।
- पीएम मोदी 2016 में इसके पहले भी ईरान गये थे
- जहां उन्होंने राष्ट्रपति हसन रूहानी से मुलाकात की थी।
उदारवादी नीतियों से दोबारा चुने गए राष्ट्रपति
ईरान की जनता ने बीते साल एक बार फिर राष्ट्रपति हसन रूहानी पर विश्वास जताया था। उन्हें दोबारा वहां का राष्ट्रपति पद की जिम्मेदारी सौंपी थी। रूहानी पहली बार 2013 में राष्ट्रपति चुने गए थे।
- ईरान की जनता हसन रूहानी को उदारवादी मानती है।
- हसन रूहानी के शासनकाल को कई बड़ी उपलब्धियां हासिल हुई।
- ईरान का पश्चिमी देशों के साथ परमाणु समझौता होना इनमें से एक है।
- भारत-ईरान अपने रिश्तों के लिए साल 2001 में दुनिया में चर्चा में रहा था।
- भारत के गुजरात में विनाशकारी भूकंप में ईरान ने सबसे पहले मदद का हाथ बढ़ाया था।
- भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब 2016 में ईरान गए थे।
- उस समय राष्ट्रपति हसन रूहानी ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया था।
- इस दौरान मोदी ने उनके लिए मिर्ज़ा ग़ालिब के शेर पढ़े थे।
- इतना ही नहीं इस मौके पर पीएम ने उन्हें एक शानदार तोहफा भी दिया था।
- राष्ट्रपति रूहानी ने रामायण की प्रति भी भेंट की थी। यह को 1715 सुमैर चंद की फ़ारसी में अनुवादित रामायण थी।
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