सरकार ने कोविड-19 महामारी के बीच विदेश से लौट रहे भारतीयों को देश में ही रोजगार उपलब्ध कराने के लिए ‘स्वदेश’ नाम से एक योजना की शुरुआत की है. नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने आज बताया कि वंदे भारत मिशन में विदेशों में फँसे जिन भारतीयों को वापस लाया जा रहा है उनके लिए ‘स्वदेश’ यानी ‘स्किल्ड वर्कर्स अराइवल डाटाबेस फॉर इंप्लायमेंट सपोर्ट’ नाम से एक योजना शुरू की गयी है.
इसके तहत उनका डाटाबेस तैयार किया जा रहा है कि वे किसी काम में निपुण हैं ताकि स्वदेशी और विदेशी कंपनियों की माँग के अनुरूप उन्हें रोजगार उपलब्ध कराया जा सके. नागरिक उड्डयन मंत्रालय, विदेश मंत्रालय और कौशल विकास मंत्रालय ने मिलकर इस योजना की शुरुआत की है. विदेश से वापस आने वाले भारतीयों को ‘एनएसडीसीइंडियाडॉटओआरजी/स्वदेश’ पर ऑनलाइन स्वदेश कौशल कार्ड भरना होगा.
इसके बाद उनकी जानकारी कंपनियों के साथ साझा की जायेगी और उन्हें रोजगार के उचित अवसर मुहैया कराये जायेंगे. इस काम में राज्य सरकारों और उद्योग संगठनों की भी मदद ली जायेगी. इसकी शुरुआत 30 मई को की गयी थी और अब तक इस पर सात हजार से अधिक लोग पंजीकरण करा चुके हैं. वंदे भारत मिशन के तहत अब तक 57 हजार से अधिक भारतीयों को विशेष उड़ानों में विदेशों से वापस लाया गया है तथा हजारों अन्य लोगों ने वापसी के लिए पंजीकरण कराया है.
नागरिक उड्डयन मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि बड़ी संख्या में भारतीय विदेशों से इसलिए वापस आ रहे हैं क्योंकि महामारी के कारण वहाँ उनका रोजगार छिन गया है. उनके पास अंतर्राष्ट्रीय स्तर का कौशल और अनुभव है जो हमारे देश में स्वदेशी और विदेशी कंपनियों के लिए उपयोगी हो सकता है. यात्रियों को वंदे भारत मिशन की उड़ान में ही स्वदेश स्किल कार्ड के बारे में जानकारी दी जा रही है.
कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्री महेंद्र नाथ पांडेय ने कहा कि स्वदेश योजना से संकट की इस घड़ी में देश की अर्थव्यवस्था के सामने मौजूद चुनौतियों से निपटने में मदद मिलेगी. विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा कि नोवेल कोरोना वायरस के कारण उत्पन्न वैश्विक आपात स्थिति में हम विदेशों में फँसे अपने नागरिकों को हरसंभव मदद देने के लिए प्रतिबद्ध हैं. विभिन्न देशों में मौजूद हमारे दूतावासों, उच्चायोगों और वाणिज्य दूतावासों के जरिये हम स्वदेश कौशल कार्ड योजना के बारे में देश वापस आ रहे लोगों को बता रहे हैं.