भूटान के तीसरे किंग जिग्मे वांगचुक ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात की। दोनों के बीच ये मुलाकात राष्ट्रपति भवन में हुई। इससे पहले जिग्मे वांगचुक ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की थी। दोनों लीडर्स के बीच आर्थिक सहयोग सहित कई क्षेत्रों में द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने पर चर्चा हुई। इससे पहले वांगचुक एनएसए अजीत डोभाल से भी मिले थे। उन्होंने राजघाट पहुंचकर महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि दी थी।
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वांगचुक का दौरा उस समय हो रहा है जब पिछले हफ्ते ही भूटान के PM ने डोकलाम को तीन देशों का विवाद बताया था। इससे पहले तीन दिन के दौरे पर भारत पहुंचे भूटानी राजा जिग्मे वांगचुक ने विदेश मंत्री एसo जयशंकर से मुलाकात की थी और जयशंकर ने कहा था कि वांगचुक का दौरा दोनों देशों के संबंधों को और मजबूत करेगा। जानकारी के मुताबिक किंग वांगचुक के साथ भूटान के विदेश व्यापार मंत्री टैंडी दोरजी और शाही सरकार के कई वरिष्ठ मंत्री भी भारत आए हैं। भारत दौरे पर दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों के विस्तार पर बातचीत हुई।
भूटान ने 1960 के दशक में आर्थिक विकास के लिए अपनी पहली पंच वर्षीय योजना शुरू की थी। जिसकी सारी फंडिंग ही भारत ने की थी। 2021 में भारत सरकार ने भूटान के साथ द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ाने के लिए 7 नए ट्रेड रूट खोले थे। वहीं 12वीं पंच वर्षीय योजना के लिए भी भारत ने भूटान को 4500 करोड़ रुपए दिए थे।
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भारत की आज़ादी के बाद दोनों देशों के बीच एक संधि हुई थी। इसमें कई प्रावधान थे जिनमें सबसे महत्वपूर्ण रक्षा और विदेश मामलों में भूटान की निर्भरता को लेकर था। हालांकि समय-समय पर इस संधि में कई बदलाव हुए, लेकिन आर्थिक सहयोग को मजबूत करने और उसके विस्तार के लिए, संस्कृति-शिक्षा, स्वास्थ्य, खेल, विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में आपसी सहयोग के प्रावधान बने रहे।
रिपोर्ट: शाश्वत तिवारी