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साहित्य/वीडियो

नवरात्र मुबारक

 नवरात्र मुबारक नवरात्र की पावन बेला है आई आशा का मन में है दीप जलाई देखो रे देखो रे भक्तों माता रानी है आई माता रानी है आई नवरात्र की पावन बेला है आई… पहले पहल मां शैलपुत्री आई प्रजापति दक्ष की सुता कहलाई वृषभ को वाहन अपना बनाकर कृपा ...

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माँ- ढाल बन खड़ी रहती है….

Published and Created by- @MrAnshulGaurav Monday, 14 March, 2022 माँ अगर साथ हो तो सारी दुनिया अपनी-सी लगती है। माँ जब आंचल में छुपा ले तो बच्चे को लगता है कि बड़े-से-बड़ा ख़तरा भी अब उसका कुछ नहीं कर सकता। इंसान ज़िंदगी की धूप के थपेड़े खाने के बाद जब, ...

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डर का सामना

ग्रामीण क्षेत्र के ब्याह के निमंत्रण में शामिल होने निकले एक दंपत्ति अरविंद और शालिनी रास्ता भटक कर अपने गंतव्य से बीस-बाईस किलोमीटर आगे जा पहुँचे थे। जहाँ से बाएँ मुड़ना था वह मोड़ छूट गया था, तभी आगे बढ़ते चले गए। अंधेरा हो जाने से शालिनी का गुस्सा सातवें ...

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हार

हार! बेहतर होने का अनुभव देती हैं, यह तो सीरीफ एक परिस्थिति है, सफलता का सबसे बड़ा रास्ता होती है, कुछ देर की अतिथि है! यह विजय होने का मजा देती है, संभलने का जुनून सिखाती है, जीत की दहाड़ होती है, जीवन में सबसे बड़ी चुनौती है! इसे भी ...

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बाल कहानी : आकर्षक खिलौने 

अध्यापक ठाकुर जी कक्षा सातवीं में आए। बोले- बच्चों ! कल से दशहरे की छुट्टी हो रही है पाँच दिनों के लिए; यानी शुक्रवार तक। बच्चे खुश हो गए। ठाकुर जी फिर बोले- दशहरे की छुट्टी का आनंद लेने के साथ तुम सबको एक गृहकार्य भी करना है; और उसे ...

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साहित्यकारों से ही समाज पोषित और विकसित होता है

किसी भी देश की प्रगति एवम विकास में उस देश के साहित्यकारों का महत्वपूर्ण योगदान होता है। साहित्य को समाज का दर्पण कहा जाता है और साहित्यकार समाज में चल रही घटनाओं और गतिविधियों को ज्यों का त्यों अपने साहित्य के माध्यम से आम जनता के समक्ष प्रस्तुत करते हैं। ...

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बादल

बादल आंखों में घिरे हैं बादल सावन जैसे बरसे हैं। हरियाली उनके हिस्से में हम तो केवल तरसे है।। एक तरफ दलदल है कितना एक तरफ चट्टाने है। किसको मन की व्यथा बताएं ये सब तो बेगाने है।। मनमानी बह रही हवाएं कदम बढ़ाने पड़ते है हम तो केवल तरसे ...

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कान्हा तुम तो भूल गए

कान्हा तुम तो भूल गए कान्हा तुम तो भूल गए, देते नहीं हो ध्यान। सूना वृंदावन हुआ, नहीं वंशी की तान।। गऊएं हुई उदास है, गोपी सब बेहाल। सखा पुकारें रात दिन, अब तो आओ पास।। माखन मिश्री साथ में, नहीं रहा वह स्वाद। हांथ धरो एक बार तुम, हो ...

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रक्षा बंधन: खुशियों वाला पर्व निराला

रक्षा बंधन: खुशियों वाला पर्व निराला रक्षा बंधन का पर्व निराला मस्ती मौज और खुशियों वाला भाई बहन के अमिट प्रेम को होता ये दर्शाने वाला कर्मवती ने भेजकर राखी हुमायूं को मजबूर किया भूल अंतर फिर जात पात का राजा ने दूर गुरूर किया द्रुपद कन्या ने बांधकर धागा ...

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सुखी जीवन का मूल मंत्र : एक चुप सौ सुख

कहते हैं कि दुनिया में सबसे मुश्किल काम होता है चुप रहना। जी हां ,यह बात पढ़कर आपको हंसी तो जरूर आई होगी क्योंकि यह पंक्ति लिखते हुए मुझे भी हंसी आई थी ।परंतु यह बात सौ फ़ीसदी सत्य है यह आप भी जानते हैं और हम सभी जानते हैं, ...

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