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अब ई-कॉमर्स कंपनियों को बताना होगा, प्रोडक्‍ट इंडिया मेड है या नहीं

भारत-चीन सीमा विवाद के बाद केन्द्र सरकार चीन से आयात कम करने के लिए योजना बना रही है. आयात होने वाले कई सामानों पर कस्टम ड्यूटी बढ़ाने पर विचार कर रही है. दूसरी ओर ई-कॉमर्स कंपनियों के लिए भी पॉलिसी लाने पर विचार किया जा रहा है. जल्द ही ई-कॉमर्स पॉलिसी में बदलाव किया जा सकता है. वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय इसका खाका तैयार कर रहा है. नई पॉलिसी के तहत ई-कॉमर्स कंपनियों को प्रोडक्ट्स की मेकिंग के बारे में जानकारी देनी होगी. उन्हें ग्राहक को प्रोडक्ट के बारे में बताना होगा कि उनका प्रोडक्ट मेड इन इंडिया है या नहीं.

आत्मनिर्भर भारत को मिलेगी मदद

जानकारों का मानना है कि अगर ई-कॉमर्स के लिए इस प्रकार की पॉलिसी आती है तो यह सकारात्मक कदम होगा. इससे जहां एक तरफ चीनी सामान का चलन कम होगा वहीं दूसरी तरफ आत्मनिर्भर भारत मिशन को बढ़ावा मिलेगा. साथ ही ग्राहकों के पास स्थानीय सामान खरीदने का विकल्प रहेगा.

पहले भी योजना तैयार की जा चुकी थी

बता दें कि डिपार्टमेंट फॉर प्रमोशन ऑफ इंडस्ट्री एंड इंटरनल ट्रेड ने पिछले साल नेशनल ई-कॉमर्स पॉलिसी को तैयार किया था. इसमें ई-कॉमर्स कंपनियों के लिए अपनी बेवसाइट पर सभी प्रोडक्ट्स के विक्रेताओं की डिटेल्स में जानकारी शेयर करना अनिवार्य बनाया गया था.

चीन का भारत के साथ ट्रेड सरप्लस 47 अरब डॉलर

बता दें कि 31 मार्च 2020 को समाप्त वित्त वर्ष के पहले 11 महीनों के दौरान चीन का भारत के साथ ट्रेड सरप्लस करीब 47 अरब डॉलर रहा है. एक भारतीय कारोबारी संगठन के मुताबिक चीन से होने वाले कुल इंपोर्ट में रिटेल ट्रेडर्स की हिस्सेदारी करीब 17 अरब डॉलर है. इन इंपोर्टेड वस्तुओं में खिलौनों, घरेलू सामानों, मोबाइल फोन, इलेक्ट्रिक और इलेक्ट्रॉनिक वस्तुओं और सौंदर्य प्रसाधनों की सबसे ज्यादा हिस्सेदारी है. इनकी भरपाई इंडियन प्रोडक्ट्स से की जा सकती है.

भारत के कुल आयात में चीन की 14 फीसदी हिस्सेदारी

भारत के कुल आयात में चीन की हिस्सेदारी 14 फीसदी है. अप्रैल 2019 से फरवरी 2020 के बीच चीन से भारत के लिए 62.4 बिलियन डॉलर करीब 4.7 लाख करोड़ रुपए की वस्तुओं का आयात हुआ है. वहीं, भारत से चीन के लिए 15.5 बिलियन डॉलर करीब 1.1 लाख करोड़ रुपए की वस्तुओं का निर्यात किया. चीन से मुख्य रूप से घड़ी, म्यूजिकल उपकरण, खिलौने, खेल का सामान, फर्नीचर, मैट्रेस, प्लास्टिक, इलेक्ट्रिकल मशीनरी, इलेक्ट्रॉनिक उपकरण, कैमिकल, आयरन एंड स्टील उत्पाद, फर्टिलाइजर, मिनरल फ्यूल और मेटल का आयात होता है.

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