राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय के कुलपति और भारतीय राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार बोर्ड के सदस्य प्रोफेसर विमल पटेल अंतरराष्ट्रीय विधि आयोग में निर्वाचित हुए हैं। 01 जनवरी 2023 से प्रारंभ होने वाला उनका कार्यकाल अगले पांच वर्ष तक रहेगा। उनके चुनाव पर विदेश मंत्री एसo जयशंकर ने उनसे मुलाकात कर बधाई दी है।
अपने ट्वीट में विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा प्रो. बिमल पटेल से मिलकर प्रसन्नता हुई। अंतर्राष्ट्रीय विधि आयोग के लिए चुने जाने पर उन्हें बधाई दी। वह निश्चित रूप से इस प्रतिष्ठित निकाय में देश की अच्छी सेवा करेंगे।
जानकारी के मुताबिक 51 वर्षीय पटेल ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में उपस्थित और मतदान करने वाले 192 सदस्यों में से 163 मत हासिल किए। चुनाव में चीन, दक्षिण कोरिया और जापान के उम्मीदवार शामिल थे। एशिया-प्रशांत समूह में आठ सीटों के लिए 11 बेहद मजबूत उम्मीदवार होने से मुकाबला कड़ा हो गया था।
संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि टीएस तिरमूर्ति ने ट्वीट में कहा रक्षा विश्वविद्यालय के प्रोफेसर बिमल पटेल को अंतरराष्ट्रीय विधि आयोग में सदस्य के रूप में चुने जाने के लिए हार्दिक बधाई। तिरमूर्ति ने भारत की उम्मीदवारी का समर्थन करने के लिए संयुक्त राष्ट्र के सभी सदस्य देशों का आभार जताया है।
कौन हैं प्रो. विमल पटेल: प्रो. विमल पटेल एक शिक्षाविद्, न्यायविद और प्रशासक हैं और तीन दशकों से अधिक के अपने पेशेवर करियर के दौरान, उन्होंने गुजरात नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी में निदेशक और भारत के 21वें विधि आयोग के सदस्य जैसी विभिन्न भूमिकाओं में काम किया है। राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर उनके प्रोफाइल के अनुसार, उन्होंने हेग नीदरलैंड में संयुक्त राष्ट्र युवा और रासायनिक हथियारों के निषेध संगठन (ओपीसीडब्ल्यू) जैसे वैश्विक संगठनों में 15 वर्षों तक काम किया है।
क्या है अंतर्राष्ट्रीय विधि आयोग: अंतर्राष्ट्रीय विधि आयोग की स्थापना 1947 में महासभा द्वारा अंतर्राष्ट्रीय कानून के प्रगतिशील विकास और इसके संहिताकरण को बढ़ावा देने के उद्देश्य से अध्ययन शुरू करने और विधानसभा की सिफारिशों और जनादेशों को पूरा करने के लिए की गई थी। आयोग के सदस्यों का चयन महासभा द्वारा संयुक्त राष्ट्र के सदस्य राज्यों की सरकारों द्वारा नामांकित व्यक्तियों की सूची से किया जाता है।