विदेश मंत्री सुषमा स्वराज Sushma Swaraj ने यहां सार्क देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक में आतंकवाद को लेकर पाकिस्तान को खरी-खरी सुनाई। उन्होंने पाकिस्तान का नाम लिए बगैर कहा कि, दक्षिण एशियाई क्षेत्र की शांति और स्थिरता के लिए आतंकवाद सबसे बड़ा खतरा बना हुआ है। इसे हर रूप में खत्म करने की जरूरत है। इस बैठक में पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी भी मौजूद थे। लेकिन सुषमा उनके भाषण से पहले ही बैठक से चली गईं। इससे पाकिस्तान को बड़ी शर्मिंदगी झेलनी पड़ी।
बैठक के बीच में ही Sushma Swaraj
बैठक के बीच में ही Sushma Swaraj के चले जाने पर कुरैशी ने कहा, “मेरी उनसे कोई बातचीत नहीं हुई। मैं यही कह सकता हूं कि वह बैठक के बीच में ही चली गईं। शायद वह ठीक महसूस नहीं कर रही थीं।“ जबकि भारतीय राजनयिक सूत्रों ने कहा कि बैठक से जाने वाली सुषमा पहली मंत्री नहीं थीं। उनसे पहले अफगानिस्तान और बांग्लादेश के विदेश मंत्री भी चले गए थे। उन्होंने कहा कि सुषमा की अन्य व्यस्तताएं थीं।
विदेश सचिव विजय गोखले बैठक में पूरे समय मौजूद थे। संयुक्त राष्ट्र महासभा के 73वें सत्र से इतर गुरुवार को सार्क (दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन) के विदेश मंत्रियों की इस अनौपचारिक बैठक में सुषमा ने इस बात पर जोर दिया कि क्षेत्रीय सहयोग तभी सफल हो सकता है, जब वह लोगों की उम्मीदों पर खरा उतरता है।
सुषमा ने कहा, “शांति और सुरक्षा का माहौल क्षेत्रीय सहयोग के लिए आवश्यक है ताकि आर्थिक विकास और समृद्धि के लक्ष्यों को हासिल किया जा सके। लेकिन कई खतरों और घटनाओं ने दक्षिण एशिया को खतरे में डाल दिया है।“