बंधन वन से आते समय नही था मन में यह विचार। इंसानो की बस्ती में ऐसे होगा सत्कार।। याद आ रहा बचपन अपना जंगल में मंगल था कितना। माँ की पीठ पर बैठे बैठे।। मंजिल होती पार। भरा भरा था वानर कुनबा झगड़ा प्रेम सभी था अपना। मन में गांठ ...
Read More »बंधन वन से आते समय नही था मन में यह विचार। इंसानो की बस्ती में ऐसे होगा सत्कार।। याद आ रहा बचपन अपना जंगल में मंगल था कितना। माँ की पीठ पर बैठे बैठे।। मंजिल होती पार। भरा भरा था वानर कुनबा झगड़ा प्रेम सभी था अपना। मन में गांठ ...
Read More »