नई दिल्ली: केंद्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह ने राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड की भूमिका और आने वाले दिनों में बायोगैस उत्पादन बढ़ाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि एनडीडीबी गोबर के बायोगैस उत्पादन के तीन मॉडलों को अगले तीन साल में कम से कम 250 जिला डेयरी सहकारी समितियों में लागू करने की जरूरत है। शाह ने 15 राज्यों के बीच समझौते का जिक्र करते हुए कहा कि जकारियापुरा मॉडल, बनासकांठा मॉडल और वाराणसी मॉडल के आधार पर बायोगैस उत्पादन बढ़ाने का प्रयास किए जाने की दिशा में पहल होनी चाहिए। उन्होंने एनडीडीबी से डेयरी सहकारी नेटवर्क के बाहर के किसानों से भी गोबर इकट्ठा करने का आग्राह किया।
देश में दूसरी श्वेत क्रांति की शुरुआत
नई दिल्ली में ‘डेयरी क्षेत्र में सस्टेनेबिलिटी और सर्कुलरिटी’ पर आयोजित कार्यशाला के उद्घाटन समारोह में केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने कहा, खेती के अलावा किसानों के लिए आय के अतिरिक्त श्रोत के रूप में डेयरी उद्योग बेहद अहम है। उन्होंने कहा कि दूसरी श्वेत क्रांति की शुरुआत में स्थिरता और चक्रीयता पर ध्यान देना महत्वपूर्ण है। डेयरी क्षेत्र में चक्रीयता केवल गोबर बायोगैस उत्पादन तक सीमित नहीं होनी चाहिए। इसमें डेयरी क्षेत्र की अर्थव्यवस्था के हर पहलू का उपयोग शामिल होना चाहिए।
विकसित भारत का लक्ष्य हासिल करने में मदद मिलेगी
शाह ने कहा, खेती से पलायन की समस्या से निपटने और और किसानों को बेहतर लाभ सुनिश्चित करने के लिए डेयरी से बेहतर कोई दूसरा क्षेत्र नहीं है। उन्होंने कहा कि इस पूरे क्षेत्र की क्षमता का दोहन करने से पांच ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर की अर्थव्यवस्था और विकसित भारत का लक्ष्य हासिल करने में मदद मिलेगी।
15 राज्यों के डेयरी सहकारी संघ बायोगैस संयंत्रों की स्थापना पर सहमत
केंद्रीय सहकारिता मंत्री ने डेयरी फार्मिंग में पर्यावरण के प्रति जिम्मेदार प्रथाओं को बढ़ावा देने के उद्देश्य से व्यापक दिशानिर्देश जारी किए। उन्होंने एनडीडीबी और नाबार्ड की बड़े पैमाने पर बायोगैस परियोजनाओं और सस्टेन प्लस परियोजना के तहत नई वित्तपोषण पहल का भी एलान किया। सोमवार को हुए आयोजन में 15 राज्यों के डेयरी सहकारी संघों ने बायोगैस संयंत्रों की स्थापना के लिए एनडीडीबी के साथ समझौते पर हस्ताक्षर भी किए।