. श्रीलंका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति गौतबाया राजपक्षे ( Sri Lankan President Gotabaya Rajapaksa ) ने शुक्रवार को संसद को संबोधित किया. वे पहली बार संसद पहुंचे, क्योंकि इससे पहले वे कभी भी संसद मेम्बर नहीं रहे.
अपने संबोधन में राजपक्षे ने सभी राष्ट्रों के साथ मजबूत संबंधों पर जोर दिया व अपनी सरकार के दृष्टिकोण को रेखांकित किया. राजपक्षे ने संसद के चौथे सत्र का उद्घाटन शुक्रवार को किया.
बता दें कि संसद का इस सत्र की आरंभ एक महीना पहले यानी कि 3 दिसंबर को होना था, लेकिन राष्ट्रपति गौतबाया राजपक्षे ने इसे एक महीने के लिए टाल दिया था व 3 जनवरी की तारीख तय की थी.
यूरोपीय सूट पहनकर पहुंचे संसद
राष्ट्रपति गौतबाया राजपक्षे पहली बार संसद पहुंचे तो वे अपने पहनावे को लेकर चर्चा में रहे. उन्होंने संसद में भाग लेने के लिए यूरोपीय सूट ( European suit ) चुना. हालांकि इससे पहले के राष्ट्रपति हमेशा पारंपरिक राष्ट्रीय पोशाक पहनकर संसद पहुंचते थे.
उन्होंने राष्ट्रीय पोशाक के साथ परिवार के ट्रेडमार्क मैरून रंग का शॉल नहीं पहना था, जो गिरुअट्टुवा के गहरे दक्षिणी क्षेत्र से किसानों का अगुवाई करने का दावा करता है.
राष्ट्रपति गौतबाया ने अपने संबोधन में लोकल अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करने के लिए त्वरित बुनियादी ढांचे के विकास के साथ दक्षता, करप्शन व क्राइम को समाप्त करने के लिए अपनी सरकार के दृष्टिकोण को रेखांकित किया.
उन्होंने सदन को बताया कि श्रीलंका को एक प्रगतिशील प्रदेश बनाने के लिए चुनावी व संवैधानिक सुधार की जरूरत होगी. बता दें कि गौतबाया राजपक्षे ने राष्ट्रपति चुनाव में भारी बहुमत से जीत हासिल की थी.