भारत में साल 2002 में हुए गुजरात दंगों को सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को सुनवाई के दौरान बड़ा फैसला लिया है। कोर्ट ने गंगे में शामिल 17 दोषियों को सशर्त जमानत दे दी। इस फैसले के साथ ही कोर्ट ने दोषियों को कहा कि वे जमानत पर रहने के दौरान सामाजिक और धार्मिक काम करेंगे।
गुजरात दंगों के दोषियों को सशर्त जमानत:
सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को गुजरात दंगों से जुड़े एक मामले की सुनवाई की। इस दौरान साल 2002 में गुजरात में हुए सरदारपूरा हिंसा के 17 दोषियों को कोर्ट ने जमानत दे दी। कोर्ट ने दोषियों को जमानत देने के साथ ही ये शर्त भी रखी कि जमानत के दौरान सभी दोषी सामाजिक और धार्मिक काम करें। ये निर्देश मुख्य न्यायाधीश शरद अरविंद बोबडे, न्यायमूर्ति बी आर गवई और न्यायमूर्ति सूर्यकांत ने दिए।
इंदौर और जबलपुर में करेंगे सामाजिक और धार्मिक काम:
बता दें कि जमानत पर छूटे कुछ दोषी अब जबलपुर और इंदौर में रह कर सामजिक और धार्मिक काम करेंगे। दरअसल, कोर्ट ने इन दोषियों को दो समूहों में बाँट दिया गया है। इनके तहत एक बैच को इंदौर और एक बैच को जबलपुर भेजा गया है। वहीं कोर्ट ने इंदौर पर जबलपुर के जिला विधि अधिकारियो को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है कि दोषियों के कामों पर निगरानी रखी जाए।