लखनऊ। राष्ट्रीय लोक दल (RLD) व्यापार प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष रोहित अग्रवाल (Rohit Agarwal) ने कहा कि उत्तर प्रदेश में बिजली संकट जारी है और लगातार अघोषित बिजली कटौती की जा रही है। बेहाल विद्युत व्यवस्था और अघोषित बिजली कटौती से कोई एक वर्ग परेशान नहीं है। इसमें व्यापारी किसान और आम जनता पूरी तरह से त्रस्त हो चुकी है। ग्रामीण क्षेत्रों में ही नहीं बल्कि शहरी क्षेत्रों में भी अघोषित बिजली कटौती की जा रही है।
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श्री अग्रवाल ने कहा कि इस समय खेतों में अधिकतर मक्के की फसल खड़ी है और मक्के की फसल को अधिकतम पानी की आवश्यकता होती है। सिंचाई के जो भी साधन उपलब्ध होते हैं, उनमें विद्युत आवश्यक रूप से चाहिए होती है। ऐसे में अघोषित विद्युत कटौती और 2-3 दिन लगातार बिजली गुल रहने के चलते, किसानों की फसलें सूख रहीं हैं और किसान बेचारे बर्बाद हो रहे हैं।
इसके साथ ही अघोषित विद्युत कटौती से मध्यमवर्गीय व्यापारी भी परेशान है क्योंकि मध्यमवर्ग का व्यापारी पूरी तरह से विद्युत पर निर्भर होता है। उदाहरण के तौर पर आटा चक्की और छोटे कारखाने बिल्कुल बंद हो गए हैं, क्योंकि विद्युत के अलावा अन्य जो भी वैकल्पिक व्यवस्था उपलब्ध है, उनसे चक्की या कारखाना चलाने पर व्यापारी को सिवाय नुकसान के कुछ भी नहीं मिलता है।
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श्री अग्रवाल ने आगे कहा कि आम जनता भी पूरी तरह से इस अघोषित विद्युत कटौती से परेशान है। ग्रामीण क्षेत्रों में दिन हो या रात विद्युत कटौती जारी ही रहती हैं। उन्होंने कहा कि “मैंने कई माध्यम से तमाम अलग-अलग क्षेत्रों का उत्तर प्रदेश में सर्वे किया और वहां की खबरों को उठाकर देखा तो पता लगा कि उत्तर प्रदेश में वर्तमान में ग्रामीण क्षेत्र में औसतन 2 से 3 घंटे मात्र बिजली सप्लाई चालू होती है और 2 घंटे होने वाली इस बिजली सप्लाई में स्थानीय समस्याएं और जर्जर तार बाधा बनते हैं और यह बिजली पूरी तरह से गुल हो जाती है।”
प्रदेश अध्यक्ष रोहित अग्रवाल ने कहा कि प्रदेश में बिजली व्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त है, जिसके कारण जनता बेहाल है, लेकिन इस पर जिम्मेदार मौन हैं। विपक्ष के तमाम नेता और जनता लगातार मंत्री से ट्वीट कर सवाल पूछ रही है लेकिन मंत्री जी सो रहे हैं।