कोरोना वायरस के संक्रमण से जंग लड़ रहे पटना एम्स की मुश्किलें कम होती नहीं दिख रही हैं. पटना एम्स के नर्सिंग स्टाफ ने गुरुवार से हड़ताल कर दी है. इस हड़ताल में लगभग 400 नर्सिंग स्टाफ्स हैं. हड़ताल कर रहे नर्सिंग स्टाफ्स की कई मांग है, जिनमें वेतन वृद्धि के साथ-साथ स्थायी स्टाफ की तरह सुविधा की मांग भी शामिल हैं.
सभी नर्सिंग स्टाफ एम्स के गेट के बाहर आकर खड़े हो गए और अपना काम बंद कर दिया है. हड़ताल करने वाले कर्मचारी यहां कॉन्ट्रैक्ट बेसिस पर पिछले कई सालों से कार्यरत हैं. एम्स की शुरुआत जब हुई तब से लेकर आज तक ये लोग कॉन्ट्रैक्ट नर्सिंग ऑफिसर के तौर पर एम्स में सहयोग और अपनी भागीदारी दे रहे हैं. हड़ताल कर रहे कर्मियों ने मांग की है कि कोविड काल में अनुबंधित नर्सिंग ऑफिसर जब बीमार होता है और भविष्य में उसको स्वास्थ्य के संबंधित कोई भी तकलीफ होती है तो उनको भी परमानेंट स्टाफ की तरह मेडिकल सुविधा उपलब्ध कराई जाए.
इनकी मांग है कि समान कार्य समान वेतन के केंद्र सरकार के नियम एवं नीतियों को देखते हुए हमारी सैलरी को भी बढ़ाया जाए. साथ ही हमें भी परमानेंट ऑफिसर की तरह छुट्टियां दी जाएं और एम्स के अधीन लिया जाए. मालूम हो कि पटना के एम्स को कोरोना के मरीजों के लिए डेडिकेटेड अस्पताल बनाया गया है, ऐसे में अनुबंध पर कार्यरत कर्मियों की हड़ताल प्रबंधन की चिंता बढ़ा सकती है. कर्मचारियों की हड़ताल के मद्देनजर अस्पताल परिसर में भारी संख्या में पुलिस बल की तैनाती की गई है.