लखनऊ। यात्रियों को समयबद्ध एवं संरक्षित रेल यात्रा प्रदान करने हेतु उत्तर रेलवे, लखनऊ मंडल सदैव तत्पर रहा है। क्षमता वृद्धि हेतु आधारभूत संरचना के विस्तार साथ संरक्षा ही प्राथमिकता के मूल मंत्र पर कार्य करते हुए निरंतर नवीन तकनीकों को अपनाया जा रहा है।
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इसी क्रम में विभिन्न स्टेशनों पर नवीन तकनीक वाली इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग की स्थापना का कार्य भी निरंतर किया जा रहा है। इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग की स्थापना से एक और जहाँ संचालन में सुगमता आती है वंही दूसरी और बेहतर संरक्षा भी सुनिश्चित होती है।
आज सीआरएस निरीक्षण के बाद, (i) मल्हौर-बाराबंकी के बीच तीसरी/चौथी लाइन और (ii) डालीगंज-मल्हौर के बीच एनईआर दोहरीकरण के संबंध में मल्हौर यार्ड की यार्ड रिमॉडलिंग 3 मार्च 23 को स्वीकृत हुई। इस कमीशनिंग की मुख्य विशेषताएं इस प्रकार हैं।
- 142 मार्गों की इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग।
- कुल संकेत और पॉइंट – क्रमशः 76 और 41
- लेवल क्रासिंग संख्या 1/सी पर लिमिटेड हाईट सबवे का प्रावधान
- स्टेशन पर नए फुट ओवर ब्रिज का प्रावधान
- तीन नए प्लेटफॉमों का प्रावधान
रेल संरक्षा आयुक्त, पूर्वी परिक्षेत्र, मोहम्मद लतीफ खान ने मल्हौर स्टेशन पहुंचकर निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान उत्तर रेलवे/लखनऊ के मण्डल रेल प्रबंधक एसके. सपरा व शाखाधिकारियों की उपस्थिति में रेल खण्ड के मानक के अनुरूप पैनल रूम, रिले रूम, बैटरी रूम, यार्ड प्लान, स्टेशन वर्किंग रूल, पैदल उपरिगामी पुल, प्लेटफार्म क्लियरेंस, सिगनलिंग, बर्थिंग ट्रैक बैलास्ट, ओवर हेड ट्रैक्शन की ऊँचाई को देखा तथा स्टेशन मास्टर से संरक्षा संबंधी प्रश्न पूछकर संरक्षा कार्य कुशलता परखी।
निरीक्षण के उपरान्त अधिकतम गति से दोहरीकृत विद्युत लाइन पर विद्युत इंजन युक्त स्पेशल ट्रेन से रेल संरक्षा आयुक्त द्वारा मल्हौर-डालीगंज-मल्हौर के मध्य गति परीक्षण सफल रहा। इस स्पीड ट्रायल के दौरान सीआरएस स्पेशल 95 किमी प्रति घंटे की अनुमेय गति से मल्हौर-डालीगंज स्टेशनों के मध्य चलाई गई।
आम जनता से अपील की गई है कि आज से इस रेलखण्ड को दोहरीकृत एवं विद्युतीकृत समझें और नए विद्युतीकृत रेलवे ट्रैक तथा ओवर हेड लाइन से सुरक्षित दूरी बनाये रखें।
रिपोर्ट-दया शंकर चौधरी