PMC बैंक घोटाले में जबसे पुलिस ने एफआईआर दर्ज किया है। तबसे प्रशासन बैंक के मैनेजिंग एडिटर जॉय थॉमस की तलाश में हैं, लेकिन जॉय थॉमस नहीं मिल रहे हैं। पुलिस जॉय थॉमस के बेटे से उनका ठिकाना जानने की कोशिश में है।
बताया जा रहा है कि बेटे ने पुलिस को पिता का मोबाइल नंबर दिया। उस नम्बर का लोकेशन बार-बार बदल रहा था। पुलिस को लगा कि थॉमस पुलिस से बचने के लिए जगह बदल रहे हैं। पर जब वो उस मोबाइलधारक तक पहुंचे तो पता चला वो तो एक ऑटो ड्राइवर का नम्बर है जो किराया लेकर इधर-उधर जा रहा था। इससे पता चल रहा है कि थॉमस का बेटा भी पुलिस को भ्रमित करने में लगा हुआ है।
बताया जा रहा है कि PMC बैंक को कर्ज में डुबाने वाले 44 बड़े अकाउंटों में से 10 खाते HDIL और वाधवा से जुड़े हैं। उन 10 खातों में से एक सारंग वाधवा और दूसरा राकेश वाधवा का निजी खाता है
इस मामले में जांच से पता चला है कि उन 7 कंपनियों में से 5 का दफ्तर एक ही पते पर है, जो बांद्रा पूर्व में एसआरए (SRA) की इमारत में है। इमारत का नाम कैपरी है। कैपरी इमारत वाधवा परिवार की एचडीआईएल (HDIL) कंपनी के एसआरए (SRA) प्रोजेक्ट की है। स्लम रिडेवलपमेंट की इमारत में दफ़्तर होने के बावजूद इन कंपनियों को बड़े कर्ज दिए गए, जो अगस्त 2019 तक 796.65 करोड़ बकाया है। पुलिस को शक है कि बाकी के 34 अकाउंट भी एचडीआईएल (HDIL) और वाधवा के ही हैं।