कोरोना वायरस का असर विश्व के 180 से अधिक देशों में देखा जा रहा है. अभी तक इस वायरस के कारण 63 हजार से अधिक लोग अपनी जान गंवा चुके हैं जबकि 12 लाख से अधिक लोग इस वायरस से संक्रमित हो चुके हैं जबकि 12 लाख से अधिक लोग इस वायरस से संक्रमित हो चुके हैं. वहीं कई देशों ने इस वायरस को रोकने के लिए लॉक डाउन का ऐलान किया हुआ है. लेकिन बीबीसी की खबर की मानें तो तुर्कमेनिस्तान वो देश जो इरान का पड़ोसी देश हैं, उसने अपने यहां पर कोरेना वायरस का नाम लेने पर ही प्रतिबंध लगा दिया है.
इस मीडिया रिपोर्ट की मानें तो रेडियो अजतलाइक में काम करने वाले पत्रकारों ने बताया है कि देश में जिस भी किसी को कोरोना वायरस के बारे में बात करते या मास्क पहनकर घूमते पाया जाएगा उसे गिरफ्तार किया जा सकता है. इतना ही नहीं रिपोर्ट के अनुसार, सरकार ने अपने हेल्थ इंफॉर्मेशन ब्रोशर्स से इस शब्द को ही हटा दिया है.
तुर्कमेनिस्तान क्रॉनिकल ने खबर दी थी जिसमें बताया गया था कि देश में सादी वर्दी में कुछ पुलिस कर्मी लगातार उन लोगों को पकड़ा रहे हैं जो सार्वजनिक जगहों पर कोरोना वायरस के बारे में बात कर रहे हैं जिसके बाद सरकार ने इस मीडिया आउटलेट पर प्रतिबंध लगा दिया.
हालांकि eurasianet की रिपोर्ट में कहा गया है कि तुर्कमेनिस्तान ने अपने यहां पर कोरोना वायरस के शब्द को बैन नहीं किया है. लेकिन दूसरी सच्चाई यह भी है कि तुर्कमेनिस्तान के राष्ट्रपति ने कभी भी इस शब्द का उच्चारण नहीं किया है. दरअसल, तुर्कमेनिस्तान में बीते दिनों ही 40 लोगों ने कच्ची शराब पी थी जिसके कारण उनकी मौत हो गई थी, बताया जा रहा है कि इन लोगों ने कोरोना वायरस से बचने के लिए शराब पी थी.
बता दें, तुर्कमेनिस्तान में सरकार का मीडिया पर पूरी तरह से कंट्रोल है, सरकार जो खबर चाहती है वही बाहर आ पाती है, ऐसे में पक्के तौर पर यह नहीं कहा जा सकता है कि तुर्कमेनिस्तान में कोरोना वायरस शब्द को बैन कर दिया गया है या फिर सरकार ने ऐसा नहीं किया है लेकिन यह कहा ही जा सकती है कि सरकार कोरोना वायरस के बारे में लोगों को बात करने से रोक कही है ताकि लोगों में दहशत कम फैले.