Breaking News

चुनाव ड्यूटी करने वाले कार्मिकों की मृत्यु पर उन्हें “कोरोना सैनिक” माने सरकार

लखनऊ। कर्मचारी, शिक्षक, अधिकारी एवं पेंशनर्स अधिकार मंच ने चुनाव डियुटी में लगे कार्मिक और शिक्षकों, अधिकारियों के लिए कोरोना से मृत्यु होने पर मिलने वाली अनुग्रह राशि की पात्रता के लिए ‘‘ कार्मिक चुनाव डियुटी में लगा था उसे ड्यूटी स्थल से घर तक पहुचने पर मृत्यु होने की दशा में अनुग्रह राशि दी जाएगी। इसका पुरजोर विरोध किया है।इस तरह का आदेश जिम्मेदारी से मुकरना और चुनाव डियुटी करने वाले कर्मचारी, शिक्षको और अधिकारियों के साथ धोखा है।

मंच की वर्चुअल बैठक में डा. दिनेश शर्मा, अध्यक्ष, सुशील कुमार प्रधान महासचिव, इं. हरिकिशोर तिवारी अध्यक्ष राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद, रामराज दुबे अध्यक्ष चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी महासंघ, सतीश कुमार पाण्डेय अध्यक्ष राज्य कर्मचारी महासंघ, कमलेश मिश्रा अध्यक्ष राज्य कर्मचारी महासंघ का स्पष्ट मत है कि यह बिलकुल गलत है, कोरोना के लक्षण चार या पाॅच दिन के बाद प्रथम दृष्टया खासी, बुखार से शुरू होते है अनजाने में व्यक्ति स्थानीय इलाज के बाद जब आठ दस दिन बीतते है तभी कोरोना टेस्ट कराता है, ऐसे में उसकी मृत्यु पाॅच या दस दिन बाद होती है यानि अगर अन्जाने मे कोई कोरोना संक्रमण से ग्रसित हो गया है तो उसकी मृत्यु होते होते बीस दिन का समय लग जाता है। ऐसे में मात्र डियुटी के दौरान या घर पहुचने तक की पात्रता मतलब क्या है।

मंच नेता डा. दिनेश शर्मा, सुशील कुमार इं. हरिकिशोर तिवारी, रामराज दुबे ,सतीश कुमार पाण्डेय, कमलेश मिश्रा के हस्ताक्षर से प्रदेश के मुख्य सचिव को भेजे पत्र में उक्त आदेश पर पुर्नविचार की मांग करते हुए कहा गया है कि इन्ही शंकाओं के कारण मंच द्वारा पहले मतदान का विरोध और फिर मतगणना का विरोध करते हुए चुनाव स्थगन की मांग की गई। इस सम्बंध में एक मई को मंच के पदाधिकारियों के साथ अपर मुख्य सचिव नियुक्ति और कार्मिक मुकुल सिंघल, अपर मुख्य सचिव गृह गोपन अवनीश अवस्थी, अपर मुख्य सचिव पंचायती राज मनोज कुमार सिंह और महानिदेशक स्कूली शिक्षा विजय किरन आनन्द से वार्ता और शतप्रतिशत सुरक्षा, सुरक्षा किट और संसाधन का भरोसा दिलाए जाने के बाद कार्मिक मतगणना डियुटी को तैयार हुए थे।

इसके बावजूद मतगणना के दौरान जो कुव्यवस्था रही, पूरे पंचायत चुनाव में प्रशिक्षण, डियुटी से लेकर मतगणना तक कुप्रबंधन का परिणाम यह हुआ कि हजारों कर्मचारी और शिक्षक, अधिकारी, अभियंता कोरोना संक्रमित हुए। इनमें से कुछ इलाज के दौरान ठीक हो गए, कुछ का अभी इलाज चल रहा है, दो हजार के लगभग कर्मचारी शिक्षक परलोक चले गए। उन्होंने मांग की है कि अनुग्रह राशि शासनादेश में सुधार कर यह लिखा जाए कि जिन कार्मिकों ने चुनाव डियुटी की है उनकी मृत्यु की दशा में उक्त अनुग्रह राशि अनुमन्य होगी।

इसके साथ ही चुनाव डियुटी में शामिल नियमित, मानदेय आउटसोर्सिग, अंशकालिन, अर्द्धसरकारी, संविदा कर्मी, दैनिक वेतनभोगी, स्थाई/अस्थाई तथा स्वायत्तशासी संस्थाओं के वे कार्मिक जो चुनाव डियुटी में शामिल थे उन्हें भी एक मुश्त पचास लाख की अनुग्रह राशि दी जाए। चुनाव डियुटी के दौरान या उसके बाद कोरोना संक्रमण से मृत्यु का शिकार कार्मिकों को कोरोना सैनिक का सम्मान और मृतक आश्रितों को उनकी योग्यता के आधार पर तीन माह में नियुक्ति दी जाए। चुनाव डियुटी करने वाले तथा उनके परिजनों की जाॅच और स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए प्रत्येक जिले में एक अधिकारी नामित किया जाए। सभी कार्मिकों को रेडक्रास सोसायटी के माध्यम से तीन माह के अन्दर वैक्सीन लगवाई जाए।

About Samar Saleel

Check Also

गाँव और पंचायतें ही देश की असली ताकत : चौधरी सुनील सिंह

लखनऊ। लोकदल (Lok Dal) के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी सुनील सिंह (National President Chaudhary Sunil Singh) ...