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JPNIC : पांच सालों में भी पूरा नहीं हो सका अखिलेश यादव का ड्रीम प्रोजेक्ट, आरटीआई से हुआ खुलासा

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के ड्रीम प्रोजेक्ट्स में से एक राजधानी लखनऊ स्थित जय प्रकाश नारायण इंटरनेशनल सेंटर (JPNIC) के निर्माण में हुई तकनीकी, वित्तीय और प्रशासकीय अनियमितताओं की जांचों को सूबे का आवास एवं शहरी नियोजन विभाग पांच वर्षों की लम्बी अवधि में भी पूरी नहीं कर पाया है. चौंकाने वाला यह खुलासा लखनऊ निवासी इंजीनियर संजय शर्मा द्वारा साल 2017 के नवम्बर महीने की 7 तारीख को दायर की गई आरटीआई अर्जी पर सूबे के आवास एवं शहरी नियोजन अनुभाग – 1 के अनुभाग अधिकारी और जन सूचना अधिकारी अरुण कुमार द्वारा संजय को बीती 26 मई को भेजे पत्र से हुआ है.

JPNIC : पांच सालों में भी पूरा नहीं हो सका अखिलेश यादव का ड्रीम प्रोजेक्ट, आरटीआई से हुआ खुलासा

संजय ने JPNIC के सम्बन्ध में शासन स्तर पर आयोजित बैठकों, JPNIC की तकनीकी जांचों, JPNIC की वित्तीय जांचों, JPNIC की प्रशासकीय जांचों, JPNIC की अनियमिताओं की जांचों के आधार पर प्रथम दृष्टया दोषी पाए गए राजनेताओं, IAS अधिकारियों और PCS अधिकारियों के नामों की सूचना के साथ-साथ JPNIC के सम्बन्ध में तत्कालीन आवास राज्यमंत्री सुरेश पासी और तत्कालीन प्राविधिक शिक्षा एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री आशुतोष टंडन द्वारा की गई जांच की रिपोर्ट मांगी थी. जन सूचना अधिकारी अरुण ने इन सभी सूचनाओं के सम्बन्ध में संजय को बताया है कि क्योंकि जय प्रकाश नारायण इंटरनेशनल सेंटर ( JPNIC ) की जांच की कार्यवाही का प्रकरण अभी विचाराधीन है इसीलिये यह मामला सूचना का अधिकार अधिनियम, 2005 की धारा 8 ( ज ) से आच्छादित है.

गौरतलब है कि सूचना का अधिकार अधिनियम, 2005 की धारा 8 ( ज ) में ऐसी सूचना को देने की मनाही है जिसके प्रगटीकरण से अपराधियों के अन्वेषण, पकड़े जाने या अभियोजन की प्रक्रिया में बाधा पड़ेगी.

अरुण ने संजय को लखनऊ विकास प्राधिकरण के मुख्य अभियंता इंदु शेखर सिंह द्वारा बीती 20 मई को जारी पत्र की प्रति भी भेजी है. इस पत्र के माध्यम से इंदु शेखर ने संजय को बताया है कि लेटेस्ट रिकॉर्ड के अनुसार भौतिक रूप से JPNIC के 94 प्रतिशत सिविल और इलेक्ट्रिकल निर्माण कार्य पूरे हो चुके हैं और मात्र 6 प्रतिशत निर्माण कार्य ही अवशेष हैं. इंदु शेखर ने बताया है कि JPNIC की स्वीकृत लागत धनराशि 864 करोड़ 99 लाख रुपये थी जिसके सापेक्ष 20 मई 2022 तक 821 करोड़ 74 लाख रुपये निर्गत हुए हैं जिसमें से 813 करोड़ 13 लाख रुपये अब तक खर्चे जा चुके हैं.

इंदु शेखर ने संजय को यह भी बताया है कि JPNIC अभी क्रियाशील नहीं है जिसके कारण JPNIC की सदस्यता की प्रक्रिया को रेगुलेट करने वाले नियमों की सूचना JPNIC के क्रियाशील होने पर प्राप्त करा दी जायेगी. संजय ने बताया कि वे सूबे के सीएम योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर उनसे अपील करेंगे कि वे JPNIC प्रोजेक्ट से सम्बंधित सभी लंबित जांचों को शीघ्रता से पूर्ण कराकर दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही करायें तथा अब तक जनता के टैक्स के पैसों में से 813 करोड़ 13 लाख की भारी-भरकम रकम फूँक चुके JPNIC प्रोजेक्ट के अवशेष 6 प्रतिशत सिविल और इलेक्ट्रिकल कार्यों को पूरा कराने के लिए शासन स्तर से धनराशि अवमुक्त कराकर जल्द से जल्द जय प्रकाश नारायण इंटरनेशनल सेंटर ( JPNIC ) को क्रियाशील करायें. संजय ने बताया कि उनको उम्मीद है कि सूबे के सीएम जल्द ही उनकी इन दोनों मांगों को पूरा करा देंगे.

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