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केजरीवाल कर रहे सभी विपक्षी नेताओं से मुलाकात , पार्टी को मिला 6 दलों का साथ

दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (AAP) के संयोजक अरविंद केजरीवाल इन दिनों देशव्यापी दौरे पर हैं। इस दौरान वह सभी विपक्षी नेताओं से मुलाकात कर रहे हैं और पिछले सप्ताह जारी किए गए केंद्र सरकार के अध्यादेश के खिलाफ समर्थन जुटा रहे हैं।

केंद्र सरकार ने एक अध्यादेश के जरिए सुप्रीम कोर्ट के उस आदेश को पलट दिया है, जिसमें पांच जजों की संविधान पीठ ने कहा था कि दिल्ली में नौकरशाहों के तबादले का अधिकार चुनी हुई सरकार का है और एलजी उसे मानने को बाध्य हैं। इस फैसले के बाद मोदी सरकार ने दिल्ली में अफसरों की ट्रांसफर-पोस्टिंग को लेकर एक अध्यादेश जारी किया, जिसमें अफसरों के तबादले का अधिकार केंद्र सरकार के पास रखा गया है।

केजरीवाल इसी अध्यादेश को संसद से पारित होने से रोकने के लिए विपक्षी दलों से मदद की गुहार लगा रहे हैं। वह अब तक शिवसेना (यूबीटी), राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी), अखिल भारतीय तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी), जनता दल (यूनाइटेड) और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेताओं से मुलाकात कर चुके हैं। हालांकि, देश की सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने अभी तक इस मुद्दे पर कोई स्टैंड नहीं लिया है। कांग्रेस की विभिन्न राज्य इकाइयों के कई नेता इस मुद्दे पर आप को राहत देने के मूड में कतई नहीं हैं। वे खुलकर इस मुद्दे पर केजरीवाल का विरोध कर रहे हैं।

इन चारों राज्यों में आप कम से कम 5% वोट शेयर जीतने में कामयाब रही है, जबकि शेष 16 राज्यों में से उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश के चुनावों में ही 1% से अधिक वोट शेयर जीतने में सफल रही है। बाकी राज्यों में आप को एक फीसदी से भी कम वोट मिले हैं। आप का यही प्रदर्शन लोकसभा चुनावों में भी दिखता है। जिन राज्यों में AAP ने 2014 और 2019 दोनों में 5% वोट शेयर का आंकड़ा पार किया, वह पंजाब और दिल्ली है लेकिन लोकसभा सीटें सिर्फ पंजाब में जीती है।

आप के प्रति कांग्रेसियों की खुन्नस क्यों हैं? इसका जवाब यह है कि आप ने कांग्रेस के जनाधार को खत्म कर ही बड़े पैमाने पर अपनी राजनीतिक मौजूदगी बढ़ाई है। आप ने सबसे पहले 2013 में दिल्ली विधानसभा का चुनाव लड़ा था। पिछले 10 वर्षों में आप 20 राज्यों में विधानसभा चुनाव लड़ चुकी है लेकिन उसे केवल दो राज्यों के विधानसभा चुनावों में जीत हासिल हुई है, जबकि दो में अच्छा प्रदर्शन किया है। ये राज्य हैं- दिल्ली, पंजाब, गोवा और गुजरात।

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