लखनऊ। एसोसिएशन ऑफ प्राइवेट स्कूल्स, उत्तर प्रदेश के बैनर तले में निजी स्कूलों के संचालकों की परिचर्चा ‘मंथन-2023’ का आयोजन आज सीएमएस (CMS) कानपुर रोड ऑडिटोरियम में किया गया। इस परिचर्चा में प्रदेश के लगभग सभी जनपदों के निजी स्कूलों के संचालकों ने भारत सरकार की नई शिक्षा नीति को भावी पीढ़ी के लिए अत्यन्त उपयोगी बताते हुए इसे सफल बनाने के लिए सारगर्भित चर्चा की।
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इस अवसर पर शिक्षाविदों को ‘शिक्षा पदम् अवार्ड’ से सम्मानित किया गया। दीप प्रज्वलन समारोह के साथ ‘मंथन-2023’ का शुभारम्भ हुआ। इस अवसर पर प्रदेश के बेसिक एवं माध्यमिक शिक्षा महानिदेशक विजय किरन आनंद ने कहा कि नई शिक्षा नीति एक दूरदर्शी अभियान है, जिससे बच्चों की शिक्षा में तथा स्कूलों की कार्यप्रणाली गुणात्मक सुधार आयेगा। उन्होंने निजी स्कूल संचालकों की माँग पर सहयोग का पूर्ण आश्वासन दिया। सीएमएस संस्थापक डा जगदीश गांधी ने अपने संबोधन में कहा कि इस परिचर्चा से नये विचार सामने आयेंगे, जिससे शिक्षा जगत में निश्चित ही रचनात्मक बदलाव आयेगा।
सीएमएस प्रेसीडेन्ट प्रो गीता गांधी किंगडन कहा कि भारत सरकार की नई शिक्षा सर्वश्रेष्ठ है, परन्तु इसके अध्याय 8 पर ध्यानाकर्षण की जरूरत है जिसमें एक स्वतंत्र संस्था की स्थापना की बात की गई है। सी.बी.एस.सी. एसोसिएशन के प्रबन्धक श्याम पचौरी, डा सुशील गुप्ता, प्रेसीडेन्ट, एसोसिएशन ऑफ प्रोग्रेसिव स्कूल्स ऑफ आगरा, शालिनी भार्गव, स्कूल मैनेजिंग ट्रस्टी, झाँसी, डा राकेश नंदन, प्रेसीडेन्ट, अलीगढ़ प्राईवेट स्कूल एसोसिएशन, डा अशोक ठाकुर, डा विवेक यादव, बृजेन्द्र शर्मा, रवि प्रकाश जायसवाल, बृजेश यादव, आफाक एवं कपिल लोहिया आदि कई विशिष्ट वक्ताओं ने सारगर्भित विचार व्यक्त किये। परिचर्चा का संचालन करते हुए डा. अमित चन्द्रा, सीनियर कन्सल्टेन्ट, सेन्ट्रल स्क्वायर फाउण्डेशन ने किया।
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एसोसिएशन ऑफ प्राइवेट स्कूल्स, उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष डा अतुल कुमार ने बताया कि इस परिचर्चा में वक्ताओं ने इस बात पर जोर दिया कि शिक्षा जगत की विसंगतियों को दूर करने हेतु एक इण्डिपेन्डेन्ट रेगुलेशन बॉडी का गठन अनिवार्य आवश्यकता है एवं यह नई शिक्षा नीति के अध्याय 8 के अनुरूप होगा।