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मन की बात में बोले मोदी, भारत की तरफ आंख उठाकर देखने वालों को करारा जवाब

मन की बात कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लद्दाख मसले पर बात की. मोदी ने कहा कि भारत की जमीन पर आंख उठाकर देखनेवालों को करारा जवाब मिला है. मन की बात में पीएम मोदी ने यह भी कहा कि संकट आने की वजह से पूरे साल को खराब मानना ठीक नहीं है. पीएम ने कार्यक्रम में मॉनसून, कोरोना संकट पर भी बात की.

फोन पर लोग यही बात करते हैं कि साल कब बीतेगा. लोग कह रहे साल अच्छा नहीं, यह शुभ नहीं. लोग चाहते हैं कि यह साल जल्द बीत जाए. 6 सात महीने पहले कहां जानते थे कि ऐसा संकट आएगा. कोरोना के बीच अम्फान, निसर्ग फिर टिड्डी दल और भूकंप. फिर पड़ोसी देशों की हरकतें. एकसाथ इतना कुछ हो रहा.

-मुश्किलें आती हैं, संकट आते हैं लेकिन सवाल यही है कि क्या आपदाओं की वजह से साल को खराब मानना ठीक नहीं. यह सोच लेना कि पूरा साल ही ऐसा है ठीक नहीं. एक साल में एक चुनौती या 50 चुनौती उससे साल खराब नहीं होता.

-लद्दाख पर भारत की भूमि पर आंख उठाकर देखने वालों को करारा जवाब मिला. दोस्ती निभाना और आंख में आंख डालकर बात करना भी जानता है. 20 सैनिकों ने दिखाया कि मां भारती पर कभी आंच नहीं आने देंगे. मोदी ने कहा, ‘भारत, मित्रता निभाना जानता है, तो, आँख-में-आँख डालकर देखना और उचित जवाब देना भी जानता है.’

-मोदी ने देशवासियों को आत्मनिर्भर बनने की सलाह दी. कहा कि यह सैनिकों की मदद होगी. मोदी ने कहा कि ऐसे कई लोगों के संदेश उन्हें मिलते हैं कि वे लोग आत्मनिर्भर बन रहे हैं.

-मोदी बोले देशसेवा का स्कोप पर फील्ड में होता है. लोगों को देश को मजबूत बनाने के लिए काम करना चाहिए.

-कोरोना संकट काल में देश लॉकडाउन से बाहर निकल आया है. अनलॉक में कोरोना को हराना और अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने पर जोर देना है. मोदी ने मास्क पहनने, दो गज की दूरी का पालन करने को कहा.

-मोदी ने स्पेस सेक्टर के सुधार का जिक्र किया. कहा कि इससे आत्मनिर्भर भारत के अभियान को तेजी मिलेगी.

-मोदी ने हर घर के बच्चों से गुजारिश की. जब टाइम मिले तो घर के बुजुर्गों का इंटरव्यू करें. उनसे पूछे कि बचपन में क्या खेलते थे, छुट्टियों में क्या करते थे. त्योहार कैसे मनाते थे. बुजुर्ग भी इससे खुश होंगे. 40-50 साल पहले क्या होता था, भारत कैसा था बच्चों को भी जानने को मिलेगा.

-मॉनसून पर बोले मोदी कि इसबार बारिश अच्छी होने की उम्मीद है. इसके बाद मोदी ने 80-85 साल के कामेगौड़ा का जिक्र किया. उन्होंने जानवरों को चराते हैं लेकिन अपने इलाके में नए तालाब बनाने का काम करते हैं.

-मोदी ने कहा कि गणेश चतुर्थी पर इको-फ्रैंडली मूर्ति बनाने की कोशिश होनी चाहिए जिससे वह नदी में संकट पैदा न करें.

-पूर्व पीएम पीवी नरसिम्हा को याद किया. कहा कि वह अनेक भाषओं को जानते थे. जो भारत के सबसे अनुभवी नेताओं में से एक थे. वह 17 की उम्र से ही अन्याय के खिलाफ आवाज उठा रहे थे.

मोदी की मन की बात ये पहले कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सरकार से सवाल किया था. मन की बात कार्यक्रम पर सवाल करते हुए उन्होंने लिखा था कि राष्ट्र रक्षा और सुरक्षा की बात कब होगी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यह 66वीं मन की बात है. पिछले मन की बात यानी मई वाले ऐडिशन में पीएम मोदी ने कोरोना अनलॉक 1.0 पर बात की थी. बताया था कि अब देश लॉकडाउन से अनलॉक की तरफ जा रहा है.

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